हिमाचल प्रदेश मानव विकास रिपोर्ट 2025 “एक जलवायु-प्रभावित दुनिया में भविष्य का निर्माण” विषय पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते 27 अक्टूबर को शिमला में जारी की है। इस रिपोर्ट को बनाने में हिमाचल प्रदेश सरकार के पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग रहा है।
शुक्रवार को जारी एक प्रेस बयान में त्रिलोक कपूर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा जारी रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस के शासनकाल में कांगड़ा विकास की दौड़ में पिछड़कर प्रदेश के सभी 12 जिलों में सबसे निचले पायदान यानी 12वें स्थान यानी 0.695 रैंक पर पहुंच गया है। जबकि सोलन (0.880) और लाहौल-स्पीति जैसे जिले विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को जानबूझकर पिछड़ा बनाए रखा जा रहा है।
विंटर कार्निवाल विकास का नही बल्कि कांगड़ा की बदहाली का जश्न
त्रिलोक कपूर ने धर्मशाला में आयोजित किए जा रहे ‘कांगड़ा विंटर कार्निवल 2025’ पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, “एक तरफ सरकारी रिपोर्ट कह रही कि कांगड़ा आर्थिक और मानव विकास के मानकों पर सबसे कमजोर जिला है, दूसरी तरफ सरकार जश्न मनाकर जनता की आंखों में धूल झोंक रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इस कार्निवल के नाम पर जिले के व्यापारियों, छोटे दुकानदारों और पंचायतों से कथित तौर पर चंदा और सहयोग के नाम पर ‘सरकारी संरक्षण’ में उगाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि “रिपोर्ट के अनुसार कांगड़ा के लोगों की कमाई और प्रति व्यक्ति आय के संसाधन घट रहे हैं और ऊपर से कांग्रेस सरकार का तंत्र व्यापारियों का खून चूसने में लगा है। यह जले पर नमक छिड़कने जैसा है।
कपूर ने कहा कि कांगड़ा की जनता ने कांग्रेस के पक्ष में बड़ा जनादेश दिया था, लेकिन बदले में उन्हें केवल उपेक्षा मिली। विकास के बड़े प्रोजेक्ट्स को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल केवल विपक्ष और आम जनता के उत्पीड़न के लिए किया जा रहा है।