भेषज विज्ञान विभाग में फार्मा सप्ताह धूमधाम से मनाया

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22HREG56 भेषज विज्ञान विभाग में फार्मा सप्ताह धूमधाम से मनाया

हरिद्वार, 22 अक्टूबर (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग में मनाये जा रहे फार्मा सप्ताह का समापन हो गया। समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि फार्मासिस्ट का स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का पहला धर्म अपने आप को स्वस्थ रखना होता है, क्योंकि अगर व्यक्ति स्वस्थ होता है तो वह अपने कर्म पथ पर सर्वोत्तम योगदान देते हुए लोक एवं विश्व कल्याण की भावना को साकार कर सकते हैं।

समापन अवसर पर उद्योग अकादमिक अंतर सेतु विषय एक दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। कार्यशाला पर जुबिलेंट आर्गानोसिस रुड़की के आनंद रावत ने कहा कि भेषज विज्ञान विभाग अपने छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान कर रहा है। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वाई अपनी भाषा एवं तकनीकी शब्दावली पर मजबूत पकड़ बनाएं, क्योंकि इंडस्ट्री में इसकी अहम् भूमिका होती है। प्रीतम इंटरनेशनल के वाइस प्रेजिडेंट सुमित्र पाण्डेय ने कहा कि इंडस्ट्री अकादमिक अन्तर को पाटने हेतु प्रीतम इंटरनेशनल भेषज विज्ञान विभाग में एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब खोलेगा जिसमें छात्र नए नए कॉस्मेटिक उत्पाद विकसित करना सीखेंग।

गुरुकुल फार्मेसी के जनरल मैनेजर डा. भीम दत्त सेमवाल ने कहा कि गुरुकुल फार्मेसी 100 वर्षों से अधिक समय से विश्व भर में गुणवत्ता युक्त आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी छात्र जो गुरुकुल फार्मेसी में प्रशिक्षण प्रात करना चाहता है या किसी भी प्रकार की सहायता चाहता है तो फार्मेसी उनकी जरूरत अवश्य पूरी करेगी।

विभागाध्यक्ष डा. विपिन कुमार ने कहा कि फार्मेसी सप्ताह में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए, जिनमें जगजीतपुर में स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन किया गया। छात्रों हेतु औषधीय पादप वाटिका एवं फार्मा इंडस्ट्री का भ्रमण एवं एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि फार्मा सप्ताह का मुख्य आकर्षण विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं रही, जिनमें शतरंज, योग, टेबल टेनिस, कबड्डी, बालीबाल, क्रिकेट, एवं बैडमिंटन आदि का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में डा. प्रिंस प्रशांत शर्मा, डा. रवि प्रताप, राघव दीक्षित, ओम प्रकाश जोशी, तरुण कुमार, डा. गौरवदीप भिंडर, मनोज कुमार, रोशन लाल संजीव मिश्र, मंजीत सिंह आदि का सहयोग रहा।