“बराड़ के खुलासे: सरकार की कूटनीति पर बड़ा सवाल”

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अमृतसर: सामाजिक-राजनीतिक संगठन मिसल सतलुज के अध्यक्ष अजयपाल सिंह बराड़ ने हाल ही में अमेरिका से भारतीय प्रवासियों को निकाले जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा दिखाए गए राजनीतिक और सैन्य दबदबे का स्पष्ट उदाहरण बताया। उनके विचार में, यह कदम केवल भारतीय प्रवासियों के प्रति असम्मान नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की गई है।

बराड़ ने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा सी-17 जैसे सैन्य विमानों का उपयोग नागरिकों को निकालने के लिए किया जाना एक असामान्य और अपमानजनक निर्णय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये विमान सामान्य वाणिज्यिक उड़ानों की तुलना में पांच से आठ गुना अधिक महंगे होते हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे की समयावधि को ध्यान में रखते हुए यह संकेत भी दिया कि ये सभी घटनाएं मिलकर एक खतरनाक राजनीतिक खेल का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य भारत को कमजोर करना है।

उनका मानना है कि यह स्थिति भारत सरकार की कूटनीतिक विफलताओं को अच्छी तरह से उजागर करती है। उन्होंने कहा कि भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा और मान सम्मान की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह बताती हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति कितनी कमजोर हो गई है। उनके अनुसार, इस मार्ग में मिली कठिनाइयाँ यह दर्शाती हैं कि केंद्र सरकार को अपने विदेश नीति को फिर से विचार करने की आवश्यकता है, खासकर जब बात भारतीय प्रवासियों की आती है।

बराड़ का यह भी कहना है कि भारतीय प्रवासियों के जीवन को खतरे में डालकर और उन्हें निकालने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग करके, अमेरिका ने एक बार फिर से अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि भारत को महत्वपूर्ण मुद्दों पर आगाह किया गया है। वह इस बात पर जोर देते हैं कि भारत को अपनी कूटनीतिक रणनीतियों को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इस प्रकार, अजयपाल सिंह बराड़ ने इस घटना को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे एकजुट होकर इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें। उनका मानना है कि यह समय है जब भारत को अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गंभीर विचार करना होगा और अपने प्रवासियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि दुनिया में भारतीय समुदाय की स्थिति को मज़बूत करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।