पंजाब के अमृतसर में नगर निगम चुनावों के बीच, कांग्रेस के उम्मीदवार संजीव रामपाल ने आज (सोमवार) को वार्ड नंबर 26 में शिवाला मंदिर चौकी के बाहर धरना दिया। यह धरना लगभग दो घंटे तक चला। संजीव रामपाल ने दावा किया कि उन्होंने अपने वार्ड में प्रचार के लिए बोर्ड लगाए थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें उतार दिया। धरने की शुरुआत में संजीव रामपाल अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे, जिसके बाद धीरे-धीरे आसपास के अन्य वार्डों के कांग्रेस कार्यकर्ता भी एकजुट होने आने लगे।
संजीव रामपाल ने संवाददाता को बताया कि उन्होंने वार्ड 26 में सभी जरूरी नियमों का पालन करते हुए अपने चुनावी बॉर्ड्स लगाए थे। उनके अनुसार, यह चुनावी खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने और भी आरोप लगाया कि इस प्रकार से उनके चुनाव प्रचार को बाधित करना न केवल अनुचित है, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा जब तक पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं करती।
धरने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हुआ। कई सीनियर अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर संजीव रामपाल से बातचीत करने का प्रयास किया। रामपाल ने बताया कि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भविष्य में उनके पोस्टर या बोर्ड को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही, अगर फिर से ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस धरने के दौरान, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाई और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारेबाज़ी की। इस मामले ने चुनावी माहौल को और भी गरमा दिया है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को बढ़ाने का काम किया है। घटना से स्पष्ट होता है कि अमृतसर में चुनावी प्रतिस्पर्धा काफी तीव्र हो चुकी है। ऐसे में सभी दल अपने-अपने स्तर पर प्रचार और रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।
संजीव रामपाल के धरने ने क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है, क्योंकि यह चुनावों के दौरान राजनीतिक तनाव को दर्शाता है। सभी राजनीतिक दलों को अब इस विवाद को सुलझाने के लिए संवाद प्रक्रिया शुरू करनी होगी, ताकि चुनावी माहौल शांति से समापन की ओर बढ़ सके। कांग्रेस के समर्थकों का मानना है कि अगर ऐसा मामला दोबारा हुआ, तो इससे उनकी चुनावी संभावनाएँ प्रभावित हो सकती हैं। इसलिए सभी की नजर अब पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर है। चुनावों के नजदीक, यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है जो आगामी परिणामों पर असर डाल सकता है।