पंजाब में हाल ही में हुए नगर निगम चुनाव के दौरान पटियाला में एक महिला के कपड़े फाड़े जाने की घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा की प्रमुख, जयइंदर कौर ने राष्ट्रीय महिला आयोग को शिकायती पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपमानजनक व्यवहार और हिंसा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि राज्य महिला आयोग को इस मामले में उचित दिशा निर्देश मिलने की प्रतीक्षा है।
जयइंदर कौर ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया कि उनकी पार्टी की महिला उम्मीदवारों और उनके समर्थकों, जो कि आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के संपर्क में आए, को अपमानजनक हिंसा और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। उन्होंने विशेष रूप से पटियाला में डीसी कार्यालय के सामने हुए घटना का जिक्र किया, जहां भाजपा महिला उम्मीदवारों के नामांकन पत्र फाड़े गए और महिलाओं पर शारीरिक हमले भी किए गए। इस शिकायती पत्र के साथ उन्होंने इस घटना का वीडियो भी संलग्न किया है, जिसमें आप के वरिष्ठ नेता विधायक चेतन सिंह जोड़ा माजरा और विधायक अजीत पाल कोहली इस कृत्य में शामिल दिख रहे हैं।
पंजाब महिला आयोग की भूमिका और इसकी निष्क्रियता पर भी जयइंदर कौर ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद स्थिति है कि एक वैधानिक निकाय महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के प्रति इतना निष्क्रिय है, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित महिलाओं को न्याय और आवश्यक सहायता से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने आयोग से मांग की है कि वह इन निंदनीय घटनाओं के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
जयइंदर कौर ने राष्ट्रीय महिला आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है, यह कहते हुए कि पंजाब की महिलाएं न्याय और सुरक्षा की प्रतीक्षा कर रही हैं। उनका मानना है कि देश के किसी भी राज्य में ऐसे क्रूरता के कृत्य सहन नहीं किए जाने चाहिए और इसके लिए राष्ट्रीय आयोग का हस्तक्षेप आवश्यक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग इस गंभीर मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करेगा, ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें और उन्हें न्याय मिल सके।
इस घटनाक्रम ने सभी से यह सवाल उठाया है कि राजनीति में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की क्या स्थिति है। जब प्रतिनिधियों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा सकता है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है? यह मामला निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित कर रहा है और महिला सुरक्षा के मुद्दों को फिर से केंद्र में लाने की आवश्यकता महसूस होती है। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल समाज के लिए बल्कि राष्ट की सुरक्षा और सम्मान के लिए भी खतरा हैं, और उन्हें रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।