पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट से सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज नगर निगम चुनाव के मुद्दे पर मीडिया से विस्तार से बातचीत की। उन्होंने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि मौजूदा चुनाव सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के बीच नहीं हो रहे हैं, बल्कि यह एक प्रशासनिक संघर्ष भी है। चन्नी ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जानबूझकर कांग्रेस के उम्मीदवारों को परेशान करने का काम कर रहे हैं। यह केवल एक विभाग तक सीमित नहीं है, बल्कि समस्त सरकारी विभागों द्वारा यह खेल खेला जा रहा है।
सांसद चन्नी ने एक खास घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उनके एक उम्मीदवार की फैक्ट्री में लेबर डिपार्टमेंट और टैक्स विभाग द्वारा छापेमारी की गई है। उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्रवाई के कारण उस उम्मीदवार ने डर के चलते चुनाव से अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। साथ ही चन्नी ने एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु उठाया, जिसमें कहा गया कि आम आदमी पार्टी केप्रत्याशी अमित ढल्ल के दस्तावेज अधूरे होने के बावजूद प्रशासन ने उन्हें योग्य ठहराकर अनुमति प्रदान की। यह स्थिति कांग्रेस नेताओं को घरों में जाकर धमकी देने की ओर भी इशारा करती है, जिससे यह साफ हो जाता है कि सरकार चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है।
पार्टी के वरिष्ठ विधायक परगट सिंह ने इस संदर्भ में अपनी बात रखते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किए हैं। उन्होंने दरअसल पार्टी के नेताओं को ‘एडवाइजर’ के रूप में नहीं बल्कि दिल्ली के दलाल के तौर पर अंकित किया। उन्होंने यह माना कि AAP ने 35 नंबर वार्ड से एक उम्मीदवार उतारी है, जिसके पति ने सोशल मीडिया पर हथियार के साथ अपनी फोटो शेयर की है, जिससे चुनावों में केवल कांग्रेस पर ही कार्रवाई की जा रही है।
पूर्व विधायक राजिंदर बेरी ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता से बताया कि प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सूची कांग्रेस पार्टी के लिए अलग थी और आम आदमी पार्टी को दी गई सूची इससे भिन्न थी, जो साजिश को स्पष्ट करती है। उन्होंने यह भी बताया कि रामामंडी में पुलिस के सहयोग से कांग्रेस के उम्मीदवारों के घरों पर छापेमारी की गई है, जो कि पार्टी के लिए एक दृश्यमान चुनौती साबित हो रही है।
इन सभी बयानों से यह साफ होता है कि पंजाब में नगर निगम चुनावों को लेकर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं और उम्मीदवारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, जबकि आम आदमी पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर उठने वाले सवाल अब राजनीतिक माहौल को और गर्म बना रहे हैं। चन्नी और अन्य कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाएं निश्चित रूप से आगे की रणनीतियों पर असर डालेंगी।