फतेहगढ़ साहिब: खिलौना पिस्तौल से दहशत फैलाकर 4 स्क्रैप लुटेरे गिरफ़्तार!

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पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के मंडी गोबिंदगढ़ में एक स्क्रैप गोदाम से लूटपाट के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन लूटेरों के पास से वारदात में इस्तेमाल की गई एक महिंद्रा गाड़ी, एक खिलौना पिस्तौल सहित अन्य सामान को भी जब्त किया है। लूटेरे ने 7 सिक्योरिटी गार्ड और 5 मजदूरों को बंधक बनाने के बाद वारदात को अंजाम दिया। फतेहगढ़ साहिब की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. रवजोत ग्रेवाल ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।

इस घटना की शुरुआत 11 दिसंबर को हुई, जब प्रवीण अग्रवाल, जो कि मंडी गोबिंदगढ़ में तांबा स्क्रैप के व्यापार के मालिक हैं, ने पुलिस स्टेशन मंडी गोबिंदगढ़ में अपनी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनके गोदाम की दीवार को फांदकर कुछ अज्ञात लोग अंदर आए और वहां के सुरक्षा गार्ड्स और मजदूरों को धमकाते हुए एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद चोरों ने लगभग 35 क्विंटल तांबे के स्क्रैप और सीसीटीवी का डीवीआर लेकर भाग निकले। इस मामले में पुलिस ने तुरंत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों का उपयोग करते हुए और निरंतर प्रयास करके अपराधियों की पहचान की। गिरफ्तारी में शामिल चार लोगों के नाम हैं: रणधیر सिंह, अनिल कुमार, करण सिंह और सुनील, जिनमें से तीन लुधियाना के रहने वाले हैं। इन अपराधियों के पास से चोरी किए गए तांबे का स्क्रैप भी बरामद किया गया है। एसएसपी ने यह भी उल्लेख किया कि आरोपियों को पकड़ने में पुलिस टीम की मेहनत और तकनीकी सहायता का काफी लाभ मिला।

इसी क्रम में, पुलिस ने उल्लेख किया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि भी रही है। रणधीर सिंह के पास से एक हॉकी, सुनील के पास से एक खिलौना पिस्तौल, करण सिंह के पास से एक तलवार और अनिल कुमार के पास से भी एक तलवार बरामद हुई है। यह घटना न केवल मंडी गोबिंदगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देती है, बल्कि स्थानीय निवासियों में भी डर और असुरक्षा की भावना पैदा करती है। पुलिस का कहना है कि वे ऐसे अपराधों को रोकने के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे और स्थानीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।

इस मामले में पुलिस की कार्यवाही स्थानीय लोगों के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस विभाग उच्च तकनीक उपायों का उपयोग करके अपराधियों को पकड़ने में सक्षम है। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए समुदाय को भी सतर्क रहना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।