बच्चों का डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

Share

06HREG126 बच्चों का डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

-हेल्थ चेकअप के साथ ही बच्चों को मिलेगा 25 हजार रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर

-लखनऊ स्मार्ट सिटी ने स्कूल हेल्थ प्रोग्राम के रूप में शुरू की अनूठी पहल

-करीब 2 हजार बच्चों के हेल्थ चेकअप के साथ ही बनाया जा रहा डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड

लखनऊ, 06 मई (हि.स.)। बच्चों का डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश बना है। प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने नगर विकास विभाग और लखनऊ स्मार्ट सिटी के अंतर्गत ‘स्कूल हेल्थ प्रोग्राम’ की शुरूआत की है। भारत में किसी भी स्कूल में न ही कोई डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड की सुविधा है और न ही हेल्थ इंश्योरेंस का कवर है।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ स्मार्ट सिटी द्वारा स्कूल हेल्थ प्रोग्राम की शुरुआत लखनऊ के तीन स्कूलों में की गई है। इसमें नगर निगम स्कूलों में अध्यनरत 1765 विद्यार्थियों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण करके उनका डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाया जा रहा है। साथ ही इन बच्चों के लिए 25 हजार रुपये के स्वास्थ्य बीमा का भी लाभ दिया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के कंप्लीट होने के बाद प्रदेश के अन्य नौ स्मार्ट सिटीज में भी इस प्रोग्राम को एप्रोच किए जाने की संभावना है।

स्मार्ट सिटी के तहत हो रही फंडिंग

लखनऊ मंडलायुक्त एवं लखनऊ स्मार्ट सिटी की अध्यक्ष डॉ. रोशन जैकब द्वारा इसे शुरू किया गया है। नगर आयुक्त एवं लखनऊ स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने उत्तर प्रदेश स्टार्टअप पॉलिसी के अंतर्गत रजिस्टर हेल्थ टेक स्टार्टअप स्टूफिट को यह कार्य निष्पादित किया है।

डॉ.रोशन जैकब ने बताया कि कोविड के दौरान इस स्टार्टअप ने लखनऊ में काफी काम किया था। स्मार्ट सिटी में हमने प्राविधान रखा है कि हेल्थ, एजुकेशन या टेक्नोलॉजी समेत पब्लिक के लिए जो भी अच्छे प्रोग्राम लाते हैं तो उस स्टार्टअप को हम फंडिंग करते हैं। इसी के तहत इन्हें ये जिम्मेदारी दी गई है। ये स्टार्टअप अगर यहां सफल रहते हैं तो अन्य शहरों में भी इस तरह के प्रोग्राम आगे बढ़ा सकते हैं। ये प्रोग्राम बच्चों की हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें बच्चों की स्कूल मैपिंग की जाती है, जैसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों का दौरा करके बच्चों का चेकअप करती है, ये प्रोग्राम उसी का थोड़ा और बेहतर स्वरूप है ताकि बच्चों को वास्तव में इसका लाभ मिल सके।

डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाने वाला यूपी पहला राज्य

स्टूफिट के निदेशक डा. एस. हैदर ने बताया कि उनकी 30 से 35 सदस्यीय चिकित्सक एवं पैरा चिकित्सक की मोबाइल हेल्थ टीम है जिसमें हेल्थ वॉलंटियर के साथ साथ टीम कोऑर्डिनेटर होते हैं। जो क्रमशः प्रत्येक बच्चे को अपनी अपनी विशेषज्ञता के अनुसार चेक करते हैं और बच्चों का डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाते हैं। भारत में किसी भी स्कूल में न ही कोई डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड की सुविधा है और न ही हेल्थ इंश्योरेंस का कवर।

इस पायल प्रोजेक्ट के तहत तीन नगर निगम स्कूलों के 1765 बच्चों के हेल्थ चेकअप की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें अमीनाबाद इंटर कॉलेज, कश्मीरी मोहल्ला गर्ल्स इंटर कॉलेज और कश्मीरी मोहल्ला मांटेसरी स्कूल शामिल हैं। हमारी टीम बच्चे को डेस्क टू डेस्क एग्जामिन करके डिजिटल हेल्थ कार्ड बना रही है। हर बच्चे का एक यूनीक आईडी कार्ड बनेगा, जिसके माध्यम से इस हेल्थ कार्ड को बच्चे के अभिभावक, स्कूल और प्रशासनिक अधिकारी डाउनलोड कर सकते हैं। डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट का हर छमाही में फॉलोअप भी किया जाता है। इसके साथ ही 25 हजार रुपये का हेल्थ कवर कैशलेस कार्ड भी प्रदान किया जाता है। यदि कोई बच्चा बीमारी की वजह से अस्पताल में एडमिट होता है तो इस कार्ड के जरिए उसका इलाज कराया जा सकता है।

बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य होगा बेहतर

लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड की यह अनूठी पहल ना सिर्फ समय रहते बच्चों में होने वाली बीमारियों का पता लगाएगी, बल्कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता बेहतर होने से इन बच्चों का अकादमिक स्तर भी बढ़ेगा और उनका भविष्य भी उज्जवल होगा।