गड़बड़झाला : ढाई सौ करोड़ के ठेके का कर दिया ₹100 के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट

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गजियाबाद। जहां एक तरफ मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह के द्वारा हाल में जारी किए लिखित आदेश के माध्यम से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेक्सवे पर लगे होडिंग एवं यूनीपोल को लेकर गंभीर नाराजगी जताते हुए आदेश में उल्लेख किया कि एक्सप्रेक्सवे पर होर्डिंग्स यूनीपोल सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होने के साथ साथ सडक हादसों का कारण बनते है। आदेश के माध्यम से एसडीएम एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी की संयुक्त टीमें गठित करते हुए होर्डिंग यूनीपोल को हटाने के आदेश दिए है।

वहीं नगर निगम सीमा क्षेत्र में डिजीटल होर्डिंग के कई करोड राशि के ठेके से जुडा एग्रीमेंट मात्र सौ रूपए के स्टांप पर किए जाने के बाद से विवाद खडा हो गया है। बीजेपी के पार्षद हिमांशु मित्तल ने कहा कि स्टांप के तौर पर प्रदेश सरकार को आठ करोड रूपए की चपत लगायी गई है।

श्री मित्तल ने कहा कि ये पूरा मामला भ्रष्टाचार से जुडा हुआ है। कहीं न कहीं नगर आयुक्त की भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि निगम एक्ट के
अनुसार होडिंग का ठेका दो साल से अधिक अवधि के लिए नहीं दिया जा सकता है,जबकि चंद लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ठेका 15 साल अवधि के लिए दिया गया। मामला उस वक्त और संदिग्ध हो जाता है कि जब अधिकांश पार्षदों के द्वारा होर्डिंग ठेके को लेकर विरोध किया जा रहा था तो किन कारणों से होर्डिंग के ठेके से जुडे प्रस्ताव को गुपचुप तरीके से सदन से स्वीकृत करा दिया गया। मूल एजेंडे में किन कारणों से प्रस्ताव को शामिल नहीं किया गया।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक नए सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने का काम किया गय है। पूरे मामले को उच्च न्यायालय के सामने रखा गया है। एनएएचआई के द्वारा हाई वे पर होर्डिंग यूनीपोल को लेकर समय समय पर जारी दिशा निर्देश की प्रति भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत की गई है। फाइल से जुडे कुछ कागजात का इंतजार किया जा रहा है। जल्द मीडिया के बीच बडा धमाका किया जाएगा।