विपक्ष की मांग पर सदन में बुधवार को 23 मार्च की घटना पर कार्य मंत्रणा की बैठक

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पटना. बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध बढ़ने की संभावना है. विपक्ष की मांग पर सदन में बुधवार को 23 मार्च की घटना पर कार्य मंत्रणा की बैठक हुई और सदन के अंदर चर्चा भी कराई गई लेकिन विपक्ष की एक मांग अभी और बची हुई है. उसी मांग पर विपक्ष ने विधानसभा के अंदर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है जिस पर हंगामा तय है.

मॉनसून सत्र के पहले दिन ही तेजस्वी यादव ने विधानसभा के अंदर दो प्रस्ताव लाने की बात कही थी. एक था 23 मार्च की घटना पर सदन के अंदर चर्चा और दूसरा प्रस्ताव जातिगत जनगणना पर बिहार विधानसभा में एक नया प्रस्ताव पेश किया जाना. तेजस्वी यादव ने कहा था कि विधानसभा से पहले भी दो बार जातिगत जनगणना कराए जाने का सर्व सहमति से प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार को भेजा गया है इसलिए एक बार फिर से यह प्रस्ताव विधान सभा से केंद्र सरकार को भेजा जाए.

जातिगत जनगणना कराए जाने को लेकर राजद की ओर से लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव में कहा गया कि विकासात्मक कार्यों को बेहतरी देने एवं समाज के जो वर्ग युगों से अपेक्षित प्रगति नहीं कर पा रहे हैं . उनकी जनसंख्या कितनी है इसकी जानकारी के लिए भारत सरकार प्रति 10 वर्ष में जनगणना की जाती है. वर्ष 2021 में जनगणना प्रस्तावित है. जातिगत जनगणना नहीं कराए जाने की सूचना संसद में दी गई है.

यदि जातिगत जनगणना नहीं कराया जाता है तो पिछड़े अति पिछड़े हिंदुओं के आर्थिक व सामाजिक प्रगति का सही आकलन नहीं हो सकेगा. जातीय जनगणना कराने के लिए बिहार विधानसभा की एक उच्च स्तरीय सर्वदलीय कमेटी प्रधानमंत्री से मिलकर अनुरोध करें. यदि भारत सरकार अड़ियल रवैया अपनाते हुए जातिगत जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार अपने संसाधनों से राज्य में जातीय जनगणना कराए जिससे राज्य में रहने वाले सभी वर्ग के आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का सही पता चल सके .

जातीय जनगणना के मसले पर विपक्ष को जेडीयू का साथ मिलेगा इसकी पूरी संभावना है लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है और इन्हीं सब बातों को देखते हुए राजद सोची समझी रणनीति के तहत विधानसभा से जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार को भेजने की जिद पर अड़ा है.