स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम में जब भी सबसे सफल तेज गेंदबाजों का नाम लिया जाएगा तो उसमें जहीर खान का नाम जरूर शामिल होगा। आज उनका 41वां जन्मदिन है। जहीर खान अब बेशक क्रिकेट से संन्यास ले चुके हों लेकिन जब तक वह मैदान पर हाथों में गेंद थामे रहे तब तक दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाजों को उन्होंने अपनी रफ्तार और लाइन लेंथ से पानी पिला दिया। यही कारण था कि जहीर खान 14 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डटे रहे और इस दौरान उन्होंने कुल 610 खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाया।
क्रिकेट की दुनिया में बेशक जहीर खान एक जाना-माना नाम हो लेकिन क्रिकेट उनका पहला ख्वाब कभी नहीं रहा। टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाजों में शुमार जहीर खान आज अपना 41वां जन्मदिन मना रहे हैं। जहीर का जन्म 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के दैमाबाद में हुआ था। जहीर ने भारत की ओर से 92 टेस्ट, 200 वनडे और 17 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। पिछले 15 सालों में जहीर ने स्विंग और रिवर्स स्विंग गेंदबाजी में अपना लोहा मनवाया।
बहुत कम लोग जानते हैं कि जहीर क्रिकेटर नहीं बल्कि इंजीनियर बनना चाहते थे। जहीर के पिता ने उनसे कहा था कि बेटा देश में इंजीनियर तो बहुत हैं, लेकिन तेज गेंदबाजों की कमी है, तो तुम तेज गेंदबाज बनो। दरसअल स्कूली शिक्षा के बाद उन्हें मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में प्रवेश मिल गया था, लेकिन अपने कोच सुधीर नाइक की सलाह और पिता के प्रोत्साहन पर उन्होंने इंजीनियरिंग को छोड़ दिया और क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया। बस फिर क्या था, जहीर ने जो सफर शुरू किया तो उसके बाद दुनिया उनके हुनर को जान गई।
इसके बाद जहीर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2011 विश्व कप के 9 मैचों में 21 विकेट चटकाने वाले जहीर 2008 में विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुने गए। बॉल को दोनों दोनों तरफ हिलाने में माहिर जहीर ने कई बल्लेबाजों को खासा तंग किया।
क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के हथियारों में ‘नकल बॉल’ ने खास जगह बना ली है। आज दुनिया के तमाम गेंदबाज नकल गेंद फेंकते हैं, लेकिन इसकी खोज करने का श्रेय जहीर को ही जाता है। जहीर खान ने सबसे पहले नकल गेंद फेंकी थी और इसके बाद दुनिया के तमाम तेज गेंदबाजों ने इसका इस्तेमाल करके विकेट हासिल किए।
जहीर खान कपिल देव के बाद सबसे सफल भारतीय पेसर हैं। बाएं हाथ से गेंदबाजी करने वाल जहीर ने दुनिया के सबसे बड़े खब्बू बल्लेबाजों को तंग किया है।
जहीर खान ने 2003 से लेकर 2011 विश्व कप के बीच कुल 44 विकेट लिए हैं। आईसीसी विश्व कप की बात करें तो वो भारत के सबसे सफल गेंदबाज हैं। विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में वो ओवरऑल छठे नंबर पर हैं। ग्लेन मैकग्रा (71), मुथैया मुरलीधरन (68), वसीम अकरम (55), चामिंडा वास (49) और लसिथ मलिंगा (47) ही उनसे आगे हैं। जवागल श्रीनाथ ने भी भारत के लिए विश्व कप में 44 विकेट लिए हैं, लेकिन जहीर ने 23 मैचों में ये कारनामा किया है, जबकि जवागल श्रीनाथ ने 34 मैचों में ये किया था।
क्रिकेटर बनने की कहानी की चर्चा करें तो जहीर के पिता ने ही उनको ख्वाब दिखाया और उसे पूरा करने में मदद भी की। जहीर खान के पिता उन्हें मुंबई ले गए। उस वक्त उनकी उम्र 17 साल थी। जिमखाना के फाइनल में जहीर ने सात विकेट झटके और सुर्खियों में आ गए। उनके इस प्रदर्शन के बाद जहीर को मुंबई के वेस्ट जोन के अंडर 19 टीम में शामिल कर लिया गया। इसके बाद जहीर खान एक के बाद एक सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।
सागरिका घाटगे और ज़हीर काफी समय से एक दूसरे को डेट कर रहे थे। इन दोनों की लव स्टोरी बहुत ही दिलचस्प है। ये दोनों पहले पार्टीज में मिला करते थे। लेकिन उस टाइम केवल हाय और हेलो होता था। जिसके बाद ये अच्छे दोस्त बन,पर इनको क्या पता था कि इनकी ये दोस्ती प्यार में बदल जाएगी। उस समय से शुरू हुआ इनका रेलशनशिप। इन्होंने काफी समय तक अपने रिश्ते को अपने परिवार से छुपा कर भी रखा था। सागरिका को अपने घर पर ज़ाहिर के बारे में बताने में कोई प्रॉब्लम नहीं हुई क्योंकि उनकी फैमिली पहले से ही ज़ाहिर को पसंद करती थी। और जब ज़ाहिर ने अपने परिवार में बताया तो सबसे पहले उनके घरवालों ने चक दे इंडिया की सीडी मंगवाई और फिर शादी के लिए हामी भरी। जिसके बाद उनके रिलेशनशिप के बारे में सबको पता चल गया।
जहीर ने हमेशा टीम की जरुरत को अपनी गेंदबाजी से पूरा किया। टीम को जब भी विकेट की तलाश होती कप्तान उन्हें बेहिचक गेंद थमा देते और जहीर भी उन्हें निराश नहीं करते। आइये उनके द्वारा कायम किये हुए कुछ रिकार्ड्स पर नज़र डालते हैं :-
- ढाका में वर्ष 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना सबसे ज्यादा टेस्ट स्कोर 75 रन बनाकर, 11 अंक का रिकॉर्ड हासिल किया था।
- वह वर्ष 2003 के विश्व कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ियों में चौथे स्थान पर हैं।
- उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ दसवें विकेट की साझेदारी का भी भारतीय रिकॉर्ड बनाया, जिसमें 133 रन का योगदान शामिल है।
- वह प्रदेश स्तर पर होने वाले क्रिकेट में, समरसेट के खिलाफ 100 ओवरों के मैच में 10 विकेट लेने वाले पहले वोस्टरशायर खिलाड़ी बन गए थे।
- टेस्ट क्रिकेट: वह 5 बार मैन ऑफ द मैच और 3 बार मैन ऑफ द सीरीज से नवाजे जा चुके हैं।
- एकदिवसीय क्रिकेट में वह 6 बार मैन ऑफ द मैच और 1 बार मैन ऑफ द सीरीज से पुरस्कृत हो चुके हैं।
- वह अर्जुन पुरस्कार को भी अपने नाम कर चुके हैं।