ग्रेटर नोएडा। यूँ तो पहले से गौतमबुद्धनगर एजुकेशन हब बन चुका है पर अब यह देश में विश्वविद्यालयों का भी हब बनने जा रहा है। जिले में पहले से ही छह निजी विश्वविद्यालय 30 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षण दे रहे हैं। जबकि इन विवि और 50 से अधिक कॉलेजों को मिलाकर इनमें देशभर के करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी अब भी जिले में शिक्षण हासिल कर रहे हैं।
पांच संस्थानों ने जिले में विश्वविद्यालय बनाने के लिए आवेदन किया है। जिला प्रशासन से इनकी जांच कराकर शासन को रिपोर्ट भेजी जानी है। प्रदेश शासन के यूपी राज्य निजी विश्वविद्यालय के नए अम्ब्रेला एक्ट में जिला गौतमबुद्धनगर में आईटीएस, केसीसी, जेबीएम, जीएनओआईटी और माधव मेनन विश्वविद्यालय बनाने के लिए आवेदन किया गया है। गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन को शासन की ओर से मानकों की जांच करने के लिए कहा गया है। इनमें से आईटीएस और केसीसी की जांच शासन को भेजी जा चुकी है, जबकि तीन अन्य आवेदनों की जांच की जा रही है। इसके अलावा चार अन्य संस्थान भी जल्द दावा करने के लिए तैयार बैठे हैं। हालांकि, शासन के पास इनका आवेदन नहीं पहुंचा है।
बताते चलें कि अभीतक देश में कुल निजी विवि की संख्या 282 है। इनमें से 73 उत्तर प्रदेश में हैं। जिला गौतमबुद्धनगर में महर्षि विश्वविद्यालय ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दूरस्थ विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं। इसके अलावा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और फुटवियर डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय भी हैं।
गौरतलब है कि जिले में पहले से एमिटी विश्वविद्यालय, शारदा विश्वविद्यालय, नोएडा इंटरनेशनल विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय, शिवनादर विश्वविद्यालय और बेनेट विश्वविद्यालय मौजूद हैं। यदि इन आवेदनों को मंजूरी मिल जाती है तो जिले में 11 विश्वविद्यालय हो जाएंगे। ऐसे में यह उत्तर भारत का सबसे अधिक निजी विश्वविद्यालय वाला जिला होगा। यहां तक कि दिल्ली राज्य में भी इतने निजी विवि नहीं होंगे। वहां मात्र दस दूरस्थ विवि हैं।