आजादी के 72 वर्ष बाद भी गुर्जर समाज को नहीं मिला उचित मान-सम्मान-नंदकिशोर गुर्जर

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गाजियाबाद। 31 अक्टूबर को भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती समारोह का आयोजन दिल्ली स्थित एक मॉल वंकर हॉल रफी मार्ग दिल्ली में भारतीय गुर्जर महासभा के तत्वाधान में किया जाएगा। यह जानकारी लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने नवयुग मार्केट स्थित एक रेस्टोरेंट में प्रेस वार्ता के दौरान कहीं।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओम बिरला, विशिष्ट अतिथि अशोक कटारिया, विशेष अतिथि श्याम जाजू और कार्यक्रम की अध्यक्षता कृष्ण पाल गुर्जर करेंगे।

विधायक ने वल्लभभाई पटेल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आजादी के 72 साल बाद भी समाज अपने खोए हुए हैसियत और सामाजिक प्रतिष्ठा को प्राप्त नहीं कर सका। उसका मुख्य कारण 1857 तथा उससे पहले की आजादी की लड़ाई में किए गए शौर्य की कहानी है। जिसके चलते हमारे समाज पर क्रिमिनल ट्राइब एक्ट लगाया गया तथा हर बार सजा बढ़ती गई। आजादी के बाद 1950 में सरदार पटेल ने क्रिमिनल ट्राइब एक्ट को रद्द किया तब से इन जातियों को विमुक्त जाति का दर्जा दिया गया।

क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट लगने के बाद इन जातियों को जमीनों से बेदखल किया गया तथा सरकारी नौकरियों में प्रतिबंध लगाया गया। जिसके चलते हमारा समाज शिक्षा से वंचित हुआ तथा जमीन चले जाने के बाद नदियों के किनारे तथा जंगलों में जाकर बसने पर मजबूर हो गए।

भारत सरकार ने आदतें के नेतृत्व में इन सभी जातियों के उत्थान के लिए कमीशन बनाया था। जिसकी रिपोर्ट 2 साल पहले आ चुकी है। उसको अभी ना संसद में रखा गया है और ना ही उसकी सिफारिशों को कहीं पर लागू किया गया है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश में तो हमारे समाज के बच्चों को विमुक्त जाति का सर्टिफिकेट भी शासन द्वारा नहीं दिया जाता। अत: हम संकल्प लेते हैं कि विमुक्त जाति का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाए, क्योंकि हम सैकड़ों वर्ष शिक्षा से वंचित रहे तो आज आवश्यकता है कि जहां पर हमारा समाज पिछड़ गया है उनको शिक्षा और रोजगार में आरक्षण मिले। कुछ राज्यों में हम पिछड़े वर्ग में आते हैं, लेकिन हमारा स्थान अति पिछड़े वर्ग में होना चाहिए और जब तक पिछड़े वर्ग के आरक्षण का वर्गीकरण नहीं होगा तब तक हमें लाभ नहीं मिलेगा। इसके लिए सरकार ने 2 वर्ष पहले रोहिणी आयोग का गठन किया था, लेकिन उसकी अभी रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं हुई है। जिसको तुरंत सदन प्रस्तुत कर लागू किया जाए। समाज में फैली कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा और दिखावा पर रोक लगाई जाए। शिक्षा का विस्तार तथा प्रचार के लिए कमेटी गठित की जाएगी जो शिक्षा के विस्तार पर कार्य करेगी।