जेनसेट पर लगा प्रतिबंध वायु प्रदूषण बढ़ने पर रहेगा जारी

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नोएडा। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) की तरफ से डीजल जेनसेट को चलाने पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 300 के पार होने पर यह आदेश लागू होगा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में स्थित सभी कंपनियों को नोटिस समेत अन्य माध्यमों से ईपीसीए के आदेश से अवगत कराया जा रहा है। कंपनी, सोसायटी या अन्य संस्थानों में जेनसेट चलने की शिकायत मिलने पर 5 से 50 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा।

डेड रिस्पॉस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने के बाद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक्शन में है। निर्माण साइटों पर धूल उड़ाने पर बुधवार को 11 लोगों पर 5 लाख 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। सेक्टर एक, 21, 38, 57, 62 व 140 में एक-एक और सेक्टर-63 व 150 में 4 लोगों पर निर्माण साइट पर धूल उड़ाने पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। सेक्टर-27 स्थित साइट पर खुले में निर्माण सामग्री मिलने पर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।

दरअसल, ईपीसीए ने दिल्ली व एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर आदेश जारी कर जेनसेट चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों का कहना है कि एक्यूआइ बहुत खराब व सेवियर में पहुंचने पर जेनसेट को बंद करने का आदेश दिया गया है। उद्यमियों व अन्य संस्थानों ने ईपीसीए के आदेश पर आपत्ति जताई थी। ईपीसीए ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से नोएडा में विद्युत सप्लाई की रिपोर्ट लेकर समीक्षा की है। विद्युत विभाग ने अप्रैल से अब तक विद्युत आपूर्ति की रिपोर्ट प्रस्तुत कर प्रतिदिन औसतन 23 घंटे 40 मिनट बिजली आपूर्ति करने का दावा किया है। ईपीसीए ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जेनसेट पर लगे प्रतिबंध का नियमानुसार पालन कराने का निर्देश दिया है।

नोएडा इंडस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दलजीत सिंह का कहना है कि विद्युत विभाग के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे सही नहीं है। प्रतिदिन एक से दो घंटे बिजली कटौती होती है। इसलिए जेनसेट चलाना उनकी मजबूरी है। पहले से ही उद्योगों की हालत ठीक नहीं है। उस पर जेनसेट पर प्रतिबंध लगा कर उद्यमियों के साथ नाइंसाफी की गई है।