गोपेश्वर :- विश्व धरोहर फूलों की घाटी में अतिवृष्टि के कारण रास्तों के क्षतिग्रस्त होने के कारण फूलों की घाटी की यात्रा को सोमवार के लिए रोक दी गई। फूलों की घाटी के बामण धौड़ में एक पुलिया भी बह गई है साथ ही द्वारी पैरा नामक स्थान में घाटी को जाने वाला रास्ता भी काफी क्षतिग्रस्त हुआ है। वन विभाग ने वैली ऑफ फ्लावर में जाने वाले टूरिस्टों की सुरक्षा को देखते हुए एक दिन के लिए यात्रा रोक दी है।
फूलों की घाटी के रेंज अधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि कुन्ड खाल से आने वाला ओथ नाला हनुमान चट्टी में अलकनंदा में मिलता है। रविवार की रात्रि अतिवृष्टि के कारण इस नाले में जलजला आने से आरक्षित वन क्षेत्र समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर कटाव हुआ है और कुछ पैदल मार्ग भी टूट गए हैं। साथ ही फूलों की घाटी के कुछ ट्रैक मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। वन विभाग की अलग-अलग टीमें मजदूरों को लेकर रास्ता ठीक करने के लिए चली गई है। उम्मीद है कि देर शाम तक वैली ऑफ फ्लावर के रास्ते दुरस्त कर दिए जाएंगे। संभवत 10 अगस्त से फूलों की घाटी में यात्रा शुरू हो जाएगी।
वही ओथ हनुमान चट्टी के लोग काफी डरे हुए है। स्थानीय निवासी धर्मेंद्र नेगी ने बताया कि कुंठ खाल क्षेत्र में नाले ने विकराल रूप धारण किया है। गांव के रास्ते काफी क्षतिग्रस्त हुए हैं और कटाव भी बढ़ा है। पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। तहसीलदार जोशीमठ प्रदीप नेगी ने बताया कि इस मामले में हनुमान चट्टी पुलिस चौकी और स्थानीय लोगों से संपर्क किया जा रहा है। प्रशासन की टीम मौके के लिए भेजी जा रही है ताकि नुकसान का आंकलन किया जा सके।