कानपुर में PAC जवान की संदिग्ध मौत: पत्नी और साले पर हत्या का आरोप!

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कानपुर में मंगलवार सुबह एक पीएसी (पुलिस अभिसूचना शाखा) के जवान का शव संदिग्ध परिस्थितियों में उसके घर में मिला। यह घटना कानुपर के एक इलाके में हुई, जहां तुरंत पुलिस और फोरेंसिक टीम जांच के लिए पहुंची। मृतक जवान का नाम सुनील कुमार सोनकर (42) है, जो मूलतः फतेहपुर के चांदपुर का निवासी था और 2002 बैच के 37वीं वाहिनी पीएसी में तैनात था। उनकी पत्नी नीलम ने बताया कि उन्हें पति का शव खिड़की के सहारे फंदे पर लटका हुआ मिला। इस घटना ने पूरे परिवार में हड़कंप मचा दिया।

मृतक के भाई राजकुमार ने पुलिस से कहा कि उनकी पत्नी और साले पर हत्या का आरोप है। उन्होंने दावा किया कि नीलम आए दिन सुनील के साथ मारपीट करती थी और कई बार तो उसे भोजन तक नहीं देती थी। राजकुमार ने बताया कि उनकी शादी 18 साल पहले हुई थी और सुनील हमेशा अपनी दांपत्य जीवन का ख्याल रखते थे, हालांकि वे शराब के आदी थे। राजकुमार ने यह भी कहा कि उन्हें अपने भाई की हत्या की चिंता है और उन्हें उम्मीद है कि पुलिस मामले की गहराई से जांच करेगी।

उनका कहना था कि जब उन्होंने अपनी बहन माया से जानकारी ली, तो उसने बताया कि सुनील की मौत की सूचना उन्हें दी थी। मामले में आगे की कार्रवाई के लिए राजकुमार ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि वे पत्नी और उसके भाई के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस की निष्पक्ष जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा। इस मामले में डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

कानपुर में यह घटना ना केवल परिवार के लिए एक चिंता का विषय है, बल्कि समाज में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते मामलों को भी उजागर करती है। सुनील की पत्नी नीलम के व्यवहार पर उठ रहे सवाल और परिवार में चल रही समस्याएं एक गंभीर मुद्दा हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह घटना कानपुर में घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी की ओर भी इंगित करती है, और समाज को इसके प्रति अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है।

इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय पुलिस को सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है, बल्कि अवश्य ही कानपुर नगर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी प्रशासन को नई चुनौती दी है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन किस प्रकार इस मामले में प्रभावी कदम उठाते हैं और न्याय की प्रक्रिया को सुनिश्चित करते हैं।