मानकों के विरूद्ध निजी  अस्पताल के संचालन पर कार्रवाई, तीन केन्द्रों को शो-कॉज

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मानकों के विरूद्ध निजी  अस्पताल के संचालन पर कार्रवाई, तीन केन्द्रों को शो-कॉज

पलामू, 10 फ़रवरी (हि.स.)।पलामू जिले के छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र में निर्धारित मानकों के विरुद्ध संचालित तीन निजी स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई हुई है। उपायुक्त-सह-पीसी एंड पीएनडीटी के अध्यक्ष शशि रंजन के निर्देश पर छतरपुर अनुमंडल पदाधिकारी आशीष गंगवार स्वास्थ्य संस्थानों में छापेमारी की गई।

छतरपुर के सरईडीह रोड में संचालित तीन संस्थान वर्मा अस्पताल, मॉ ललिता अस्पताल एवं खुशी अल्ट्रासाउण्ड में छापेमारी में कई तथ्य उजागर हुए हैं। तीनों संस्थानों के संचालकों के विरूद्ध उपाधीक्षक-सह-छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा सोमवार को शो-कॉज किया गया है। इन्हें 48 घंटे के अंदर विस्तृत स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया गया है। स्पष्टीकरण असंतोजनक-अप्राप्त रहने की स्थिति में कठोर कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदित किया जायेगा।

छापेमारी-सह-औचक निरीक्षण में अनुमंडल पदाधिकारी आशीष गंगवार सहित छतरपुर के अंचल अधिकारी एवं उपाधीक्षक-सह- छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शामिल रहे। उपायुक्त ने कहा कि जिले में बिना निबंधन एवं निबंधन वैद्यता समाप्त पाये जाने वाले अस्पताल एवं अन्य संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।

वर्मा अस्पताल में छापेमारी-सह-औचक निरीक्षण में कई त्रुटियां पाई गई। अस्पताल का निबंधन वैद्यता समाप्त पाई गयी। वहीं अयोग्य व्यक्ति के द्वारा मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा था। बीडीएस डॉ. सुनिल वर्मा (दांत के डॉक्टर) के द्वारा मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा था।

वहीं ऑपरेशन के पूर्व मरीजों से लिए किए जाने वाले घोषणा पत्र तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों का संधारण लगभग न के बराबर किया जा रहा था। इतना ही नहीं निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कोई भी रजिस्टर्ड डॉक्टर नहीं पाये गये। जांच से स्पष्ट हुआ कि अस्पताल का संचालन बिना वैध दस्तावेज तथा रजिस्टर्ड डॉक्टर के किया जा रहा है।

इसी तरह मॉ ललिता हॉस्पीटल के औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल का निबंधन वैद्यता समाप्त पाई गयी। भर्ती मरीजों से संबंधित दस्तावेजों का संधारण सही ढंग से नहीं किया जा रहा था। वहीं पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउण्ड किये जाने वाले लाभार्थियों के दस्तावेजों का संधारण सही ढंग से नहीं किया गया था। अल्ट्रासाउण्ड से संबंधित चिकित्सक भी मौके पर उपलब्ध नहीं पाये गये।

निरीक्षण के दौरान पाये गये उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट होता है कि अस्पताल का संचालन बिना वैध दस्तावेज का करते हुए आवश्यक दस्तावेजों का संधारण भी नहीं किया जा रहा है।

छतरपुर के सरईडीह रोड में ही स्थित खुशी अल्ट्रासाउंड का औचक निरीक्षण करने पहुंचे पदाधिकारियों को दूर से आते देख जांच केन्द्र के कर्मी जल्दबाजी में केन्द्र बंद कर गायब हो गए। दूरभाष पर वापस आने के लिए कहने के बावजूद भी वापस नहीं आए। निरीक्षण के क्रम में ऐसी जानकारी मिली है कि जांच केन्द्र का न तो निबंधन है और न ही अहर्ता प्राप्त चिकित्सक के जरिये जांच की जाती है।

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