मोदी के अमेरिकी दौरे पर आतंकी पन्नू का चौंकाने वाला ऑफर: खालिस्तानियों की सूची दो, US में सेटलमेंट.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी से अमेरिका में दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे, जिसमें वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं। इस यात्रा से पहले भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक विवादास्पद वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में पन्नू ने सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को अमेरिका में बसने का प्रलोभन दिया है, जिससे सुरक्षा से जुड़े मामलों में और भी जटिलता बढ़ सकती है।

पन्नू ने अपने वीडियो में कहा कि नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने वाशिंगटन डीसी आ रहे हैं, और उसने खुफिया अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे अमेरिकी सरकार के साथ सहयोग करें। उसने यह भी सुझाव दिया कि मोदी सरकार द्वारा संभावित लक्ष्यों की सूची, जिसमें खालिस्तान समर्थक शामिल हैं, उसे अमेरिका के अधिकारियों को सौंपा जाना चाहिए। यह आशंका जताई जा रही है कि ऐसे खुलासे कहीं न कहीं विदेशी नीति को प्रभावित कर सकते हैं।

पन्नू ने आगे का दावा करते हुए कहा कि “सिख फॉर जस्टिस” के पास एक करोड़ रुपये का सुरक्षा कोष है। उसने सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को यह लालच दिया कि जो भी अधिकारी मोदी के खिलाफ सबूत प्रदान करेगा, उसे वे न केवल सुरक्षा प्रदान करेंगे, बल्कि अमेरिका में एक नई पहचान भी देंगे। पन्नू ने यह भी कहा कि अमेरिकी कानून के तहत मोदी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार उसने अपनी बातों में स्पष्ट किया कि उसकी नेतिकता और उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए वह अपने तरीके से काम करना चाहता है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू कौन हैं, यह जानना भी जरूरी है। पिछले वर्ष अमेरिका ने आरोप लगाया था कि एक पूर्व भारतीय अधिकारी ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या का एक खतरनाक षड्यंत्र तैयार किया था, जिसके लिए भाड़े के शूटरों की नियुक्ति की गई थी। इसके अलावा, अमेरिका ने उस पूर्व भारतीय अधिकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी लगाया था, जिसमें निखिल गुप्ता और एक अज्ञात व्यक्ति को आरोपी ठहराया गया था।

अमेरिकी FBI ने इस संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है, जिसमें एक भारतीय सेना की वर्दी में फोटो के साथ विकास यादव नामक व्यक्ति को RAW के साथ जोड़ा गया है। इस मामले ने भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा संबंधों को और जटिल कर दिया है, क्योंकि इससे सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका और उनके अधिकारों पर सवाल उठ सकते हैं। पन्नू का यह वीडियो और उसके द्वारा किए गए दावे भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पेश करते हैं, साथ ही यह अमेरिका में चिंता का विषय हो सकता है।

इस प्रकार, मोदी का अमेरिका दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब आतंकी गतिविधियों का खतरा और भी बढ़ गया है, और पन्नू की धमकियों से यह स्पष्ट है कि वैश्विक सुरक्षा की चुनौतियां कितनी जटिल होती जा रही हैं। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नये आयाम देगा, बल्कि कई मुद्दों पर विचार और संवाद का मार्ग प्रशस्त करेगा।