**हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसान आंदोलन तेज़, पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प**
शनिवार, 14 दिसंबर को हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से लगभग 101 किसान दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए निकले। हालांकि, उन्हें घग्गर नदी पर बने पुल के निकट पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग करके रोक दिया गया। किसानों और पुलिस के बीच लगभग 40 मिनट तक नोक-झोंक होती रही, जिसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे 10 किसान घायल हो गए। अंततः, किसानों को लगभग 2 बजे लौटने के लिए मजबूर किया गया जब उन्होंने दिल्ली की ओर मार्च करने का निर्णय टाल दिया।
किसानों का आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया और रॉकेट लॉन्चर से बम-गोली चलाई। उनके अनुसार, घग्गर नदी का प्रदूषित और केमिकल युक्त पानी भी उन पर फेंका गया। किसान नेता सरवण पंधेर ने घोषणा की कि 16 दिसंबर को पंजाब के बाहर पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, उन्होंने 18 दिसंबर को पंजाब में रेल रोको अभियान की योजना बनाई है, जिसमें 12 बजे से 3 बजे तक रेल पटरियों को रोकने का आह्वान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समयावधि में कोई जथ्था दिल्ली नहीं पहुंचेगा।
इस बीच, शंभू बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या का प्रयास किया है। किसान नेता तेजवीर सिंह ने बताया कि लुधियाना के खन्ना क्षेत्र के किसान जोध सिंह ने सल्फास निगला है। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें पटियाला के राजेंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना किसानों के आंदोलन की गंभीरता को दर्शाती है और यह संकेत देती है कि वे निराशा में कितने गहरे पहुंचे हैं।
किसानों के दिल्ली मार्च की पृष्ठभूमि में, हरियाणा सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर अंबाला जिले के 12 गांवों में इंटरनेट सेवा को 18 दिसंबर तक निलंबित करने का निर्णय लिया है। यह कदम किसानों के आंदोलनों को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है और इससे इंटरनेट पर आधारित संचार में बाधा आएगी। इसके अलावा, खनौरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन-पॉलिटिकल) के नेता जगजीत डल्लेवाल 19वें दिन आमरण अनशन पर हैं। इस स्थिति को लेकर किसान नेता सरवण पंधेर ने चिंता व्यक्त की है कि डल्लेवाल की सेहत को लेकर पूरे देश में चिंता है, लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार इससे बेखबर है।
किसान आंदोलन से जुड़ी हर जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग पर बने रहें। यह आंदोलन किसान समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, और इसके परिणामस्वरूप आने वाले समय में अनेक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।