पंजाबी इंडस्ट्री के मशहूर गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ का आज चंडीगढ़ में एक विशेष कॉन्सर्ट आयोजित होने जा रहा है, जो कि सेक्टर-34 के प्रदर्शनी ग्राउंड में होगा। इस आयोजन से पहले कई विवाद सामने आए थे, जो अंततः पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गए। हालांकि, अंततः कॉन्सर्ट की अनुमति मिल गई, जिससे कलाकार और प्रशंसक दोनों ही बेहद खुश हैं। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिलजीत के साथ एक वीडियो साझा करते हुए अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि दिलजीत ने पंजाबी भाषा और गायकी को एक नई पहचान दी है और प्रार्थना की कि भगवान पंजाबी संस्कृति और समुदाय को निरंतर सफलता और खुशहाली प्रदान करें।
दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट से पहले केवल विवाद ही नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी काफी चर्चा हुई थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस कॉन्सर्ट के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं, जिसमें रात 10 बजे तक कार्यक्रम समाप्त करने का आदेश शामिल है। इस आदेश के तहत सुरक्षा इंतजाम को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण किया, और सभी आवश्यक तैयारियों का ध्यान रखा गया। क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
उद्घाटन के अवसर पर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री भगवंत मान, और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जैसे विभिन्न वीआईपी मेहमानों की भीड़ की संभावना है। ऐसे में प्रशासन ने विशेष ट्रैफिक प्लान तैयार किया है ताकि कार्यक्रम के दौरान यातायात सुचारू रूप से चल सके। धैर्य से सभी को सूचनाएं दी जाएंगी और ट्रैफिक संचलन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मेहमानों को कोई दिक्कत न हो।
कॉन्सर्ट केवल एक संगीत कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह पंजाबी संस्कृति का उत्सव और दिलजीत के फैंस के लिए एक यादगार अनुभव बन जाएगा। प्रशासन और पुलिस के समुचित प्रबंधन के चलते यह आयोजन बेहद सफल होने की उम्मीद है। जहां पहले इस कार्यक्रम को लेकर चिंताएं थीं, वहीं अब सभी बाधाएं दूर हो चुकी हैं और संगीत प्रेमी इस अद्वितीय अनुभव का इंतजार कर रहे हैं।
दिलजीत दोसांझ के प्रशंसक केवल उनके संगीत का आनंद ही नहीं लेंगे, बल्कि इस अवसर पर पंजाबी संस्कृति के प्रति उनका प्रेम और समर्पण भी प्रकट होगा। इस तरह, इस कॉन्सर्ट की रूपरेखा केवल एक सांगीतिक कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी परिचायक है।