हादसे में जान गंवाने वाले युवक का शव पहुंचा मानसा: रोजगार के लिए गया था जॉर्जिया

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जॉर्जिया में हुए एक दर्दनाक हादसे में पंजाब के मानसा जिले के खोखर खुर्द गांव के निवासी हरविंदर सिंह की दुखद मृत्यु हो गई थी। हरविंदर सिंह के माता-पिता ने सरकार से अपील की थी कि उनके बेटे का शव भारत लाया जाए, ताकि वे अपने प्रिय पुत्र का अंतिम संस्कार ठीक से कर सकें। उनके इस आवेदन के बाद, हरविंदर का शव आज आखिरकार उनके गांव पहुंच गया, जिससे परिवार और गांव के लोगों में गहरी शोक की लहर दौड़ गई। हरविंदर की मृत्यु पर उनके परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल हो गया, और गांव के निवासी भी इस दुखद घटना पर आंसू बहाते नजर आए।

हरविंदर की छोटी बहन ने भावनाओं के साथ अपने भाई के माथे पर सेहरा सजाया, जो उसकी मृत्यु के बाद का एक गहरा प्रतीक है। वहीं, माता-पिता ने अपने इकलौते बेटे की अंतिम झलक पाने की कोशिश की, जो उनके लिए बहुत ही कठिन था। इस तरह का अपव्यय और दुख किसी भी परिवार के लिए असहनीय होता है, और इस घटना ने पूरे गांव को भारी आघात पहुंचाया है। हरविंदर के परिवार के सदस्य, निर्मल सिंह ने बताया कि उनका भतीजा बेहतर भविष्य की तलाश में जॉर्जिया गया था, लेकिन वहां एक अनहोनी घटना का शिकार हो गया।

निर्मल सिंह ने सरकार से अपने बेटे का शव वापस लाने की अपील की थी, जिसे सरकार ने तुरंत स्वीकार किया और हरविंदर का शव उनके गांव में भेज दिया। इस प्रक्रिया को लेकर उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि अब उन्हें अपने भतीजे का अंतिम संस्कार करने का अवसर मिला है। यह परिवार के लिए एक आवश्यक कदम था, ताकि वे अपने बेटे को श्रद्धांजलि दे सकें और उसे अंतिम विदाई दे सकें। हरविंदर की मौत की खबर ने उनके गांव और समुदाय में शोक की लहर फैला दी है।

हरविंदर के परिवार का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे के लिए बेहतर भविष्य की कामना की थी, लेकिन इस हादसे ने उनके सपनों को चूर कर दिया। अब जब हरविंदर का शव गांव लौट आया है, तो पूरे गांव में शांति और समर्पण का एहसास देखने को मिला। इस दुखद स्थिति में परिवार और गांव के लोग एक-दूसरे का सहारा बनकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना से यह भी पता चलता है कि किस तरह युवा रोजगार की तलाश में दूसरे देशों में जाते हैं, लेकिन उन्हें अनजाने में अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।

इस घटना ने एक बार फिर से प्रवासी कामगारों की सुरक्षा और सरकार की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके और परिवारों को इस तरह के दुखद अनुभवों का सामना न करना पड़े। हरविंदर की दुखद कहानी केवल उनके परिवार की ही नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी बनकर उभरी है।