फतेहगढ़ साहिब में सीएम मान हुए भावविभोर, बोले- शहीदों के संकल्प की धूल भी नहीं हम!

Share

फतेहगढ़ साहिब में माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों बाबा फतेह सिंह एवं बाबा जोरावर सिंह की शहादत को समर्पित एक महत्वपूर्ण शहीदी सभा की शुरुआत 25 दिसंबर से होने जा रही है। इस मौके पर सीएम भगवंत मान ने अपनी पत्नी, डॉक्टर गुरप्रीत कौर के साथ माथा टेकने की परंपरा का पालन किया। सोमवार को शहीदी सप्ताह के पहले दिन, मुख्यमंत्री ने दरबार साहिब में जाकर भगवान का आशीर्वाद लिया और संगत से भी संवाद किया। इस अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

सीएम भगवंत मान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ऐसी कुर्बानी की कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती है, जो इतिहास में दर्ज है। उन्होंने उस दुखद दृश्य की ओर इशारा किया जब जालिमों ने निर्दोष बच्चों को विभिन्न तरीकों से शहीद किया, जिससे सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन शहीदों की पवित्र भूमि पर खड़े होकर खुद को उनका एक कण भी नहीं मान सकते, जबकि उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। ऐसे कृत्यों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए देश-विदेश से संगत यहाँ आती है।

सीएम मान ने यह भी कहा कि ये शहीद हमें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने प्रार्थना की कि उनसे सहायता प्राप्त हो ताकि वे अपने कार्यों के माध्यम से पंजाब के विकास में योगदान दे सकें। उनका कहना था कि यदि लोगों ने उन्हें सेवा का अवसर दिया है, तो वे ऐसा कुछ कार्य करना चाहते हैं जिससे लोगों के जीवन में सुधार हो सके। उनका मानना है कि यही सच्चा पुण्य है, और यही हमारे लिए एक उच्चतम लक्ष्य बनना चाहिए।

उनके संबोधन का मुख्य विषय यह था कि हमें उन शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज में सच्चे बदलाव के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने संगत से अपील की कि वे शहीदों के मार्ग पर चलें और अनुशासन, परिश्रम और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों को निभाएं। इस प्रकार, सीएम भगवंत मान ने शहीदों की याद में एक सशक्त संदेश दिया, जो हमें एकता, सहानुभूति और मानवता के मूल्यों का आदान-प्रदान करने के लिए प्रेरित करता है।

शहीदी सप्ताह के दौरान इन विचारों का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि हम उन सभी लोगों को याद करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की त्याग की। यह समय न केवल श्रद्धांजलि अर्पित करने का है, बल्कि उन महत्वपूर्ण जीवन मूल्यों को समझने और अपनाने का भी है जिनके लिए ये शहीद लड़े और अपने प्राणों का बलिदान दिया। इस प्रकार, शहीदी सभा हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो हमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है कि उनके बलिदान व्यर्थ न जाएं।