लुधियाना नगर निगम चुनाव के बाद मेयर की कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति अपने चरम पर पहुँच गई है। नगर निगम में तीन प्रमुख पार्टियाँ – आम आदमी पार्टी (AAP), भाजपा और कांग्रेस, सभी अपने-अपने उम्मीदवार को मेयर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। चुनाव में आम आदमी पार्टी को 41 सीटें, भाजपा को 19 और कांग्रेस को 30 पार्षद सीटें मिली हैं। इस परिणाम से यह स्पष्ट है कि न तो आम आदमी पार्टी, न भाजपा और न ही कांग्रेस को बहुमत हासिल हुआ है, जिसके कारण तीनों दल कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए आपसी तालमेल की कोशिश कर रहे हैं।
इस बार कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मौका है क्योंकि उन्हें 32 साल पुराना इतिहास दोहराने का अवसर मिल सकता है। कांग्रेस भाजपा के पार्षदों से लगातार संपर्क कर रही है, ताकि किसी प्रकार से मेयर पद पर अपनी स्थिति मजबूत की जा सके। भाजपा को पिछले चुनावों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ डिप्टी मेयर और अन्य पदों के लिए अपने साथ जोड़कर चलने का सुझाव दिया गया है। इसका उदाहरण साल 1992 में देखने को मिला था, जब भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर एक समझौता किया था। अब, परिस्थिति कुछ वैसी ही बनती दिखाई दे रही है जहां कांग्रेस को भाजपा का समर्थन मिलने पर वे मेयर का पद हासिल कर सकती हैं।
भाजपा के नेताओं का दावा है कि वे मेयर की कुर्सी पर काबिज होंगे। भाजपा के जिलाध्यक्ष रजनीश धीमान का कहना है कि उनका लक्ष्य मेयर पद को सुरक्षित करना है और उसके लिए कांग्रेस के साथ समझौता करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी एक शर्त है कि मेयर भाजपा का ही होगा। फिलहाल, तीनों पार्टियाँ जोड़-तोड़ की राजनीति में जुटी हुई हैं और अगले कुछ दिनों में स्पष्ट होगा कि किस पार्टी का मेयर बनेगा।
आम आदमी पार्टी ने अपनी स्थिति को मजबूती देने के लिए अब आजाद पार्षदों से समर्थन मांगना शुरू कर दिया है। उनके पास 41 पार्षद हैं और यदि तीन आजाद पार्षद उनका समर्थन करते हैं, तो कुल सीटें 44 तक पहुँच सकती हैं। आम आदमी पार्टी ने दूसरे दलों के पार्षदों को डिप्टी मेयर पद का ऑफर देने की योजना बनाई है, जिससे वे बहुमत हासिल कर सकें। इस प्रकार, अगर आम आदमी पार्टी को समर्थन मिल जाता है, तो वे अन्य सहयोगी दलों में से किसी एक को सीनियर डिप्टी मेयर पद भी दे सकती हैं।
दोनों प्रमुख पार्टियाँ, भाजपा और आम आदमी पार्टी, लगातार अपने-अपने नेताओं के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। जहां भाजपा का दंभ है कि मेयर उनका होगा, वहीं आम आदमी पार्टी ने अपनी स्थिति का भरोसा जताते हुए कहा है कि उनके पास सबसे ज्यादा सीटें हैं और वे जल्द ही मेयर का पद हासिल करेंगे। मेयर पद के लिए दावेदारों में विधायक मदन लाल बग्गा का दावा है कि उनके बेटे का नाम आगे है, जबकि आम आदमी पार्टी के हाईकमान ने राकेश पराशर, जो कि छह बार पार्षद रह चुके हैं, पर विचार करते हुए कई उम्मीदवारों का चयन शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि लुधियाना में मेयर की कुर्सी किस पार्टी के हाथ लगेगी।