कांग्रेस काल में रहा शराब माफिया का दखल, धामी सरकार में जन हित की नीति : चौहान

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25HREG119 कांग्रेस काल में रहा शराब माफिया का दखल, धामी सरकार में जन हित की नीति : चौहान

देहरादून, 25 अप्रैल (हि.स.)। भाजपा ने कहा कि प्रदेश में पहली बार शराब नीति माफिया के हितों को दरकिनार कर आम जन के हित को ध्यान में रखकर बनाई गयी है।

पूर्व सीएम हरीश रावत के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में अन्य क्षेत्रों की तरह शराब माफिया का बड़ा दखल था। नीति भी शराब माफिया के इशारे पर तैयार हो रही थी तो सरकार भी उनके साथ पार्टनर थी। आबकारी के स्टिंग में जहा सरकार माफिया के गठजोड़ की कलई खुली तो डेनिस के तहलके को सबने देखा। सरकार के मंत्रियों ने सीएम पर ही सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी अपने अतीत को भूलकर एक जन हित की नीति पर सवाल उठा रहे है, जो कि उनकी रीति और नीति का हिस्सा है।

धामी सरकार ने नई नीति में इसका लाभ आम लोगो तक पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाये हैं। इसमें तीन रुपये बतौर सेस लगाए गए हैं जो कि जन हित में है। इसमें एक रुपये नारी शक्ति, एक रुपये युवा कल्याण और खेल तथा एक रुपये गौवंश के लिए है। इससे प्रतिमाह डेढ़ करोड़ रुपये अर्जित होंगे जो इनको लाभ के तौर पर मिलेंगे। कांग्रेस के लिए यह सोचने की जरूरत है कि प्रति बोतल 3 रुपये जो सेस के लिए रखे है उसका लाभ किसे मिल रहा है। पहले सभी पैसा माफियाओं की जेब में जाता था। धामी सरकार की नीतियों से माफिया बेहाल है और कांग्रेस हमेशा माफियाओं को सरंक्षण देती रही है।

चौहान ने कहा कि सरकार ने सूझ बूझ के साथ जोशीमठ आपदा का प्रबंधन कर बेहतर पुनर्वास नीति तैयार की है। लोगों को राहत राशि का वितरण कार्य भी चल रहा है। हालांकि कांग्रेस आपदा की घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़ी होने के बजाय इसे राजनैतिक अवसर के रूप में देखती रही और विरोध प्रदर्शन पर उतर गयी। कम समय में बेहतर पुनर्वास नीति धरातल पर उतरी है।

राज्य में बेरोजगारों के हित धामी सरकार में ही सुरक्षित हो पाए और आज नकल माफिया सलाखों के पीछे है। स्वरोजगार की दिशा में सरकार की योजनाएं कृषि और बागवानी के क्षेत्र में फलीभूत हो रही है। वहीं कांग्रेसी सरकारों की तुलना में सस्ती और कटौती मुक्त बिजली लोगों को मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष होने वाली विद्युत वृद्धि की दर कांग्रेस काल की अपेक्षा कम है।