शिवराज कैबिनेट का बड़ा फैसला, फसल क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाई

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25HREG225 शिवराज कैबिनेट का बड़ा फैसला, फसल क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाई

भोपाल, 25 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें किसानों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। बैठक में प्राकृतिक आपदा के कारण फसल खराब होने पर किसानों को दी जाने वाली राहत राशि में वृद्धि के निर्णय का अनुसमर्थन किया गया।

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्व विभाग के अंतर्गत आरबीसी 6/4 में संशोधन किया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश अब देश में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा देने वाला राज्य बन गया है। बढ़ा मुआवजा 1 मार्च 2023 के बाद से खराब होने वाली फसलों के लिए दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 में वर्तमान में प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति हेतु परिशिष्ट-1 (एक) (क) की तालिका के अनुक्रमांक 01 एवं 02 में संशोधन का अनुसमर्थन किया गया। लघु एवं सीमांत 0 से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक/खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 5 हजार 500 रुपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 8 हजार 500 रुपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये, सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 9 हजार 500 रुपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 16 हजार रुपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार 500 रुपये, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 9 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने) पर फसल के लिये 16 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 21 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिये 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 27 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिये 6 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा मूंगा के लिये 8 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिये 13 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तथ मूंगा के लिये 16 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।

इसी प्रकार लघु एवं सीमांत कृषक से भिन्न कृषक-2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक/ खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 5 हजार रुपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 7 हजार 300 रुपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 14 हजार 600 रुपये, सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 7 हजार रुपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 14 हजार 500 रुपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 29 हजार रुपये, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 7 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 13 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिये 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 15 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि दी जाएगी।

अन्य निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा शासकीय नवीन महाविद्यालय, नंदानगर, इंदौर में स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु 25 शैक्षणिक तथा 22 अशैक्षणिक नवीन पद सृजन की स्वीकृति प्रदान की गयी।