प्रोफेसर जगदीश चन्द्र बसु विश्व के प्रख्यात वैज्ञानिक : विक्रम सिंह परिहार

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30HREG329 प्रोफेसर जगदीश चन्द्र बसु विश्व के प्रख्यात वैज्ञानिक : विक्रम सिंह परिहार

–ज्वाला देवी में मनाई गई जगदीश चन्द्र बसु की जयन्ती

प्रयागराज, 30 नवम्बर (हि.स.)। प्रोफेसर जगदीश चन्द्र बसु अपने अथक परिश्रम और अनुसंधानों के कारण विश्व के प्रख्यात वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं। उनका कहना था कि हमें अपने कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। स्वयं अपना कार्य करना चाहिए।

यह बातें बुधवार को प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित सिविल लाइंस स्थित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज में प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने छात्रों को जगदीश चन्द्र बसु की जयन्ती पर सम्बोधित करते हुये कही। उन्होंने आगे कहा कि किन्तु यह सब करने से पूर्व अपना अहंकार और घमंड त्याग देना चाहिए। जिस प्रकार से बसु पेड़ पौधो के साथ लगाव रखते थे, उसी प्रकार हम सब को भी पेड़ पौधों के प्रति सहृदयता का भाव रखते हुये उसकी सुरक्षा रखनी चाहिए।

विद्यालय के विज्ञान प्रमुख रामचन्द्र सोनी एवं दिनेश तिवारी ने संयुक्त रूप से जगदीश चन्द्र बसु के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जगदीश चन्द्र बसु का जन्म बंगाल के मैमन सिंह जिले के फरीदपुर गांव में 30 नवम्बर 1858 को हुआ। इनके पिता भगवान चन्द्र बसु फरीदपुर के डिप्टी मजिस्ट्रेट थे। नौ वर्ष की उम्र में जगदीश घर छोड़कर आगे की पढ़ाई के लिए कोलकाता चले गये। वहां उनके दोस्तों में शामिल हुए मेढक, मछलियां, गिलहरियां और सांप। वह जीव जंतु, पेड़-पौधो में विशेष रुचि लेने लगे। वह यह जानने को उत्सुक रहने लगे कि क्या पेड़-पौधो में भी हमारी तरह जीवन है ? इस का पता लगाने के लिए वे जी-जान से जुट गये।

द्वय अध्यापकों ने बताया कि वह महत्वपूर्ण शोध जिसके लिए जगदीश चन्द्र बसु हमेशा याद किये जायेंगे, वह था-पौधो में प्राण और संवेदनशीलता का पता लगाना। इसके लिए उन्होंने ”क्रेस्कोग्राफ” नामक अति संवेदनशील यंत्र बनाया। जिसकी सहायता से पौधो की वृद्धि और उनके किसी भाग को काटे या चोट पहुंचाने पर पौधो में होने वाली प्रतिक्रियाओ का पता लगाया जा सकता है। यह कार्यक्रम विद्यालय के विज्ञान विभाग के प्रमुख दीपक दुबे द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य एवं छात्र उपस्थित रहे।