कानपुर मेट्रो: झकरकटी भूमिगत मेट्रो स्टेशन की छत बनना शुरु

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17HREG408 कानपुर मेट्रो: झकरकटी भूमिगत मेट्रो स्टेशन की छत बनना शुरु

— रुफ स्लैब की ढलाई का कार्य हुआ तेज

कानपुर, 17 अक्टूबर (हि.स.)। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-I (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत निर्माणाधीन कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन के झकरकट्टी मेट्रो स्टेशन की छल की ढलाई का काम सोमवार से शुरू हो गया है। विधिवत पूजा के बाद झकरकटी मेट्रो स्टेशन पर रुफ स्लैब कास्टिंग का शुभारम्भ हुआ।

निर्माणाधीन भूमिगत सेक्शन के निर्माण कार्यों का शुभारम्भ नौ जून को हुआ था। झकरकट्टी मेट्रो स्टेशन पर डायफ्राम वॉल (डी-वॉल) के निर्माण के साथ इस सेक्शन पर निर्माण कार्य शुरू हुए थे और इतने कम समय में स्टेशन की रुफ स्लैब की कास्टिंग का काम शुरू करना यूपीएमआरसी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। लगभग तीन किमी. लंबे इस सेक्शन में तीन भूमिगत स्टेशनों, कानपुर सेंट्रल, झकरकट्टी और ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण होना है।

सिविल इंजीनियरों की टीम को बधाई देते हुए यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, हमने आईआईटी से मोतीझील के बीच नौ किमी. लंबे प्राथमिक सेक्शन का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा से पूर्व पूरा कर,एक कीर्तिमान स्थापित किया था और अब हमारा लक्ष्य है कि आईआईटी से नौबस्ता तक लगभग 23 किमी. लंबे पूरे कॉरिडोर को भी समय से पूरा किया जाए। कानपुर मेट्रो परियोजना के पहले कॉरिडोर के अंतर्गत कुल सात किमी. लंबे भूमिगत सेक्शन का निर्माण दो भागों में किया जा रहा है। चुन्नीगंज से नयागंज के बीच बन रहे चार किमी. लंबे भूमिगत सेक्शन का काम अग्रिम चरण में है और इस सेक्शन में स्टेशनों और टनल दोनों ही का निर्माण तीव्र गति से जारी है। वहीं, कानपुर सेंट्रल से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच बन रहे दूसरे भूमिगत सेक्शन के झकरटी मेट्रो स्टेशन पर आज से रुफ स्लैब कास्टिंग शुरू हो रही है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

टॉप-डाउन प्रणाली से तैयार होंगे कानपुर मेट्रो के भूमिगत स्टेशन

कानपुर मेट्रो के भूमिगत मेट्रो स्टेशन टॉप-डाउन प्रणाली से तैयार होंगे यानी निर्माण कार्य ऊपर से नीचे की ओर होंगे। रुफ स्लैब तैयार होने के बाद कॉनकोर्स लेवल और फिर प्लेटफार्म लेवल का निर्माण होगा। निर्माणाधीन स्टेशन पर चल रहे काम से यातायात कम से कम प्रभावित हो, इसलिए यह प्रणाली अपनाई जा रही है, क्योंकि रोड लेवल से शुरू करते हुए पहले तल का निर्माण होने के बाद सड़क पर लगी बैरिकेडिंग को कम कर दिया जाएगा। सड़क के नीचे स्टेशन का निर्माण कार्य चलता रहेगा और सड़क पर वाहनों की आवाजाही भी सुचारू रूप से जारी रहेगी। इस अवसर पर उप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसीएल) के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।