छात्रों को परीक्षा और पाठ्यक्रम के भय से मुक्त करेगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति : प्रो कल्पलता

Share

17HREG409 छात्रों को परीक्षा और पाठ्यक्रम के भय से मुक्त करेगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति : प्रो कल्पलता

– जेएनसीयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पांच दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन

बलिया, 17 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों को परीक्षा और पाठ्यक्रम के भय से मुक्त करेगी। यह बात जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने कही। वे विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा प्रशासनिक भवन स्थित सभागार में पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: दृष्टि एवं प्रक्रिया” के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रही थीं।

कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा की नीति है। अभी तक की शिक्षा व्यवस्था मैकाले के उस नीति पर आधारित थी, जिसमें केवल अनुवादकों की उत्पत्ति अधिक होती है। वैचारिक रूप से उसकी गुणवत्ता नगण्य थी। जबकि वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इसी दोष को परे करते हुए सृजनात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने हेतु कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह नीति एक तरह से छात्रों को परीक्षा के भय से और पाठ्यक्रम के भय से मुक्त भी करती है।

वहीं, द्वितीय सत्र में टीडी कालेज के प्राचार्य प्रो रवींद्र नाथ मिश्रा ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता एवं भारतीय सामाजिक मूल्यों एवं परम्पराओं का समावेश होना चाहिए। भारतीय ज्ञान परंपरा की रक्षा करना शिक्षकों का गुरुतर दायित्व है।

कार्यक्रम में डा. संतोष कुमार सिंह, डा. उमेश सिंह, डा. अशोक कुमार, डा. सुबोध मणि त्रिपाठी, डा. जितेंद्र कुमार वर्मा, डा. संदीप पांडेय व शैलेंद्र कुमार राय आदि उपस्थित रहे। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के समन्वयक डा. रमाकान्त सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया