देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली प्रवास कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है। जहां प्रदेश के लिए आर्थिक व्यवस्थाएं करना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में से है, वहीं वरिष्ठ नेताओं तथा मंत्रियों से मिलकर उत्तराखंड के लिए आर्थिक प्रबंधन करना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताएं हैं।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई वरिष्ठ मंत्रियों से मिले। साथ ही नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शिष्टाचार भेंट की तथा उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। धामी का कहना है कि उत्तराखंड सीमांत तथा नवोदित राज्य है। कोरोना काल के कारण पर्यटन व्यवस्था जैसा अर्थ का क्षेत्र पूरी तरह चरमरा गया है, ऐसे में आर्थिक व्यवस्था तथा योजनाओं के लिए केन्द्र की ओर देखना राज्य के लिए आवश्यक है। आने वाले समय में चुनाव नजदीक है, ऐसे में योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन करना समय की आावश्यकता है। इसीलिए वह लगातार मंत्रियों तथा विशिष्टजनों से मिलकर उनका सहयोग मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने इस प्रवास के दौरान केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलकर 1108 करोड़ की 38 नई बाढ़ सुरक्षा योजनाओं के संदर्भ में चर्चा की।
उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर कुमाऊं मंडल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए गृह मंत्रालय की संस्तुति का अनुरोध किया है, साथ ही साथ देहरादून में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना की भी मांग की है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री से सामरिक महत्ता को देखते हुए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के लिए उनके स्तर से रेल मंत्रालय को संस्तुत करने का भी आग्रह किया है।
पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड मूलत: गढ़वाल और कुमाऊं दो भागों में बंटा है। एम्स ऋषिकेश में होने के कारण दूरदराज क्षेत्रों के लोग एम्स की सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते। उनकी मांग है कि एम्स के एक इकाई कुमाऊं में स्थापित की जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विशिष्टजनों से भेंट तथा यह मांगे विकास को नये आयाम देगी।