देहरादून :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भू-कानून पर कड़ा फैसला ले सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी एवं भुवनचंद्र खंडूरी इस संदर्भ में विशेष पहल कर चुके हैं। धामी मानते हैं कि उत्तराखंड का युवा भू-कानूनको लेकर काफी गंभीर है। उन्होंने कहा है कि वह इस पर जल्द प्रभावशाली फैसला लेंगे।
मुख्यमंत्री के अनुसार अगली कैबिनेट बैठक में भू-कानून पर चर्चा की जाएगी और कोई प्रभावशाली फैसला किया जाएगा। उत्तराखंड बनने पर 2002 तक बाहरी राज्यों के लोग उत्तराखंड में केवल 500 वर्ग मीटर जमीन खरीद सकते थे। वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने भूमि खरीदने की सीमा 250 वर्ग मीटर कर दी। 6 अक्टूबर 2018 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत नया अध्यादेश लाए। उसका नाम ‘उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम, 1950 में संशोधन का विधेयक’ था। इसे विधानसभा में पारित किया गया। इस भूमि सुधार अधिनियम में धारा 143 (क), धारा 154(2) जोड़ी गई। इसके तहत राज्य में कहीं भी भूमि खरीदी जा सकती है। उत्तराखंड के मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में भूमि की हदबंदी (सीलिंग) खत्म कर दी गई। अब युवाओं की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस संदर्भ में कोई बड़ा और कड़ा फैसला ले सकते हैं।