गाजियाबाद । भाजपा के सीनियर पार्षद हिमांशु लव ने एक बार फिर से पार्किंग व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि नगर निगम पार्किंग व्यवस्था के नाम पर खुली लूट कर रहा है। अधिकारी मनमाने तरीके से पार्किंग शुल्क वसूल रहे हैं और पार्किंग व्यवस्था आम आदमी के लिए सिर दर्द बनकर उभर रही है। हिमांशु लव ने कहा कि नगर निगम कार पार्किग का ठेके छोडता है , जिसमें प्रमुख ठेके यशोदा अस्पताल, आपुलेन्ट मॉल तथा तहसील कम्पाउण्ड जो कि सबसे ज्यादा कमाई वाले कार पार्किंग के ठेके हैं। इन ठेकों को रोजाना के हिसाब से दिया गया है ।
जिसमें यशोदा अस्पताल 500 रुपये रोज, आपुलेन्ट मॉल 600 रुपये रोज तथा तहरील कम्पाउण्ड 600 रुपये रोज पर दिये गये हैं । जबकि यशोदा अस्पताल से 45 से 50 हजार रुपये रोज, आपुलेन्ट मॉल से 4 से 5 हजार रुपये रोज व तहसील कम्पाउण्ड से 20 से 25 हजार रुपये रोज कार पार्किंग के एवज में वसूला जाता है । ये कार पार्किग माफियाजिनमें कुछ भू-माफिया भी शामिल है तथा कुछ स्थानीय ऐसे लोग भी है। जिनको इन पाकिंगों से मुनाफा मिलता है । ये कार पार्किंग घोटाला नगर निगम में कब तक चलेगा इसका कोई पता नहीं । सिटी जोन इस कार पार्किग घोटाले में पूर्ण रूप से लिप्त हैं । इसकी जांच होनी चाहिये यदि इन कार पार्किंगों से इतनी बड़ी आमदनी हैं तो नगर निगम अपने कर्मचारियों के माध्यम से इन बडी कार पाकिंर्गों को क्यों नहीं चलाता है।
एक तरफ नगर निगम कहता है कि हम ठेकेदारों की गुणवता की जांच करेंगे वहीं दूसरी तरफ नगर निगम में टेंडर 25 से 35 प्रतिशत बिलो तक जाते हैं और इसके साथ कमिशन खोरी भी होती है और उसके साथ ठेकेदार को आमदनी के लिए कुछ तो चाहिये। इस लिये नगर निगम के ठेकेदारों की गुणवत्त की जांच करने का अधिकार निगम को तभी है जब वह पहले अपनी चादर साफ करें । पिछले दिनों नगर निगम की डीजल चोरी का बहुत बड़ा अभियान शहर के समाचार पत्रों में चर्चा का विषय रहा है यह भी सत्य है कि कोई भी ड्राइवर अथवा कर्मचारी उपर के लोगों की छत्रछाया के बिना डीजल चोरी नहीं कर सकता। जबकि मारे जाते है सिर्फ गरीब ड्राईवर इन सभी मुददों की जांच उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा की जानी चाहिये।