चेहरे से ज्यादा मन की सुंदरता है अधिक महत्वपूर्ण

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गाजियाबाद। निश्चित रूप से हर महिला को बेहद सुंदर रूप में देखना पसंद करती है जिसके चलते आज हमारा देश सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री में विश्व में नंबर दो के स्थान पर है। लेकिन आज की नारी की बात की जाए तो वह चेहरे की सुंदरता के साथ मन की सुंदरता को भी उतना ही अधिक महत्व देती है।

इस संबंध में पूर्व केंद्रीय अधिकारी वाणी भांबरी अरोड़ा का कहना है कि निश्चित रूप से स्वच्छता एक बेहद आवश्यक कदम है। इसके अलावा वे हल्का मेकअप भी करना पसंद करती हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि वह हमेशा ही मन की सुंदरता को अधिक महत्व देती हैं। दरअसल उम्र के साथ चेहरे में बदलाव आता है लेकिन अगर आपका मन कोमल और सुंदर है तो निश्चित रूप से आपके संबंधों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। वही इस संबंध में समाजसेवी ममता सिंह का कहना है कि मन की सुंदरता के आगे चेहरे की सुंदरता मायने नहीं रखती क्योंकि मन की कोमलता ही व्यक्ति को सज्जन, सामाजिक और जिम्मेदार बनाती है। इसी कड़ी में शिक्षाविद सीमा चौधरी का कहना है कि सुंदरता का असली मतलब सौम्यता है। जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का प्रभाव लोगों पर छोड़ सकता है।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट बेहद आवश्यक है क्योंकि चेहरा तो ईश्वर की देन है लेकिन बहुत सारी चीजें हम पर्सनालिटी डेवलपमेंट के जरिए और अधिक बेहतर बना सकते हैं इसलिए मन की सुंदरता ही सबसे महत्वपूर्ण है। वहीं सपा नेत्री दुर्गेश चौधरी का कहना है कि चेहरे की सुंदरता मात्र कुछ दिन की बात होती है, जबकि मन की सुंदरता सदैव व्यक्तित्व की शोभा बढ़ाती है। ऐसे में मन की सुंदरता पर ही हर व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि बेहतर सामाजिक ताना-बाना बुना जा सके और आपस में हम सब प्रेम सौहार्द और भाईचारे के साथ रह सकें।