मुंबई । अरबपति भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर एक महीना पहले विस्फोटक से भरी एसयूवी कार स्कॉर्पियो खड़ी मिली थी। इस मामले में जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अब एक ‘रहस्यमयी महिला’ पर नजर रख रही है, जिसे मुख्य आरोपी सचिन वाजे के साथ दक्षिण मुंबई स्थित एक फाइव-स्टार होटल में देखा गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वाजे, जो गुरुवार तक एनआईए की हिरासत में है, उन्हें होटल में प्रवेश करते देखा गया था, जहां उन्होंने फरवरी के मध्य में कुछ नकली पहचान पत्रों का उपयोग करते हुए कम से कम पांच दिन बिताए थे। इस दौरान उनके पीछे एक रहस्यमयी महिला को भी चलते हुए देखा गया, जो फिलहाल जांचकर्ताओं की रडार पर है।
हालांकि फिलहाल इस महिला के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिली है, मगर बताया जा रहा है कि वह गुजरात से है और कथित तौर पर कई अन्य मामलों में भी शामिल है, जिसकी मुंबई अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) की ओर से जांच की जा रही है।
एनआईए पांच काले रंग के बैग का भी पता लगा रही है, जिसे वाजे 16 फरवरी से अपने प्रवास के दौरान होटल में प्रवेश करते हुए लेकर जाते देखे गए थे। इसके कुछ घंटे बाद ही ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन ने अपनी लापता एसयूवी स्कॉर्पियो की शिकायत दर्ज की थी।
फिलहाल इन बैग के ठिकाने का पता नहीं चल सका है, लेकिन एनआईए होटल के कर्मचारियों और अन्य लोगों से इस संबंध में पूछताछ कर रही है।
एसयूवी और हिरेन मामलों में चल रही जांच के हिस्से के रूप में, एनआईए उन सभी लोगों को स्कैन कर रही है, जो फरवरी के मध्य से वाजे से मिले थे या उनकी उनसे बात हुई थी। इसके अलावा रहस्यमयी महिला से भी जल्द ही पूछताछ की जा सकती है।
एनआईए ने वाजे पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कठोर आतंक संबंधित आरोप लगाए हैं। इस बीच जांच एजेंसी अब उसकी रिमांड समाप्त होने के बाद गुरुवार को उसे अदालत में पेश करेगी।
ठाणे के एक मजिस्ट्रेट ने महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को पूरे मामले के कागजात एनआईए को सौंपने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी एसयूवी मामले के साथ ही हिरेन मनसुख की मौत मामले के रहस्य की भी जांच करेगी।
25 फरवरी को अंबानी के घर एंटीलिया के पास खड़ी एक एसयूवी का पता चला था। पुलिस ने इस कार की जांच की तो इसमें 20 जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा पत्र बरामद किया।
ठीक 10 दिन बाद 25 मार्च को हिरेन का शव मुंब्रा इलाके के पास पाया गया। दोनों घटनाओं को आपस में जोड़ा गया, जिसके बाद इस मामले ने एक राष्ट्रव्यापी सनसनी पैदा कर दी। इसके परिणामस्वरूप राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो चुकी है।
अपनी धूमिल छवि को साफ करने की उम्मीद के साथ 157 साल से अस्तित्व में रही मुंबई पुलिस ने अपराध शाखा में 65 अधिकारियों सहित कम से कम 86 पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित करते हुए बड़ा कदम उठाया है।