किसान हो गए सतर्क, आधार कार्ड के बिना नो एंट्री

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गाजियाबाद। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों की परेशानी बढ़ने लगी है। किसी भी अप्रिय घटना या पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अब किसान खुद ही अपनी सुरक्षा में जुट गए हैं। सिंघु बॉर्डर पर अनजान व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए एक टीम तैनात की गई है। किसान नेताओं से भरे रहने वाले पंडाल की भी गतिविधियों को देखने के लिए सीसीटीवी कैमरे तक लगा दिए गए हैं। किसान नेताओं का आरोप है कि प्रदर्शन स्थल पर पुलिस और खुफिया एजेंसी के लोग वेश बदलकर यहां जांच पड़ताल कर रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर दो माह से ज्यादा समय से किसानों का शांतिपूर्वक प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन गणतंत्र दिवस पर हुई घटना के बाद से किसान संगठन डरे हुए नजर आ रहे हैं। किसानों को डर है कि गाजीपुर बॉर्डर की तरह किसी भी दिन पुलिस यहां भी कार्रवाई कर सकती है या कोई अनजान आदमी हमारे बीच रहकर कोई भी घटना को अंजाम दे सकता है। इससे किसानों को एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बदनामी के डर से किसानों ने बॉर्डर के चारों ओर सुरक्षा मजबूत कर दी है। वहीं हर अजनबी शख्स से पूछताछ की जा रही है।

एक वालंटियर ने कहा, सिंघु बॉर्डर में पांच से छह जगह से प्रवेश होता है। जगह-जगह हमने अपने वालंटियर तैनात किए हैं। जो आम लोग हैं उन्हें किसी भी तरह से कोई परेशान नहीं किया जा रहा है। जो लोग रोज यहां रहते हैं उनकी एक सूची पहले ही तैयार की जा चुकी है। इसके अलावा यहां आने वाले अजनबी लोगों का आईकार्ड और आधार कार्ड चेक करने के बाद ही हम इन्हें प्रदर्शन स्थल पर प्रवेश दे रहे हैं।