नई दिल्ली :- भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने रविवार को कहा कि बीसीसीआई को भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में भाग लेने की अनुमति देनी चाहिए। अनुभवी गेंदबाज हरभजन ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड से एक प्रणाली/मानदंड लाने का आग्रह किया जिसके माध्यम से खिलाड़ी अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं।
हरभजन ने पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर कहा “मुझे लगता है कि बीसीसीआई को खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति देनी चाहिए। आपको गैर-अनुबंधित खिलाड़ियों को अनुमति देना होगा, जिन्हें आप भारतीय टीम में नहीं चुनना चाहते हैं। आपको एक ऐसी प्रणाली बनानी होगी, जिसमें खिलाड़ी 50 टेस्ट खेलेंगे या 35 से ऊपर हैं, वो विदेशी लीग में खेलने को स्वतंत्र हों।”
इससे पहले, सुरेश रैना और पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने भी कहा था कि बीसीसीआई को उन खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति देनी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय मैच न खेल रहे हों और उनकी उम्र 30 साल से उपर हो।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में बात करते हुए, टेस्ट क्रिकेट में 417 विकेट लेने वाले हरभजन ने कहा कि अगर कोई उन्हें टीम से हटाने से पहले उनसे बात करता है तो चीजें अलग हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, ” चीजों को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था। 100 टेस्ट खेलना किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ी बात है और मैं भाग्यशाली था कि मैं उनमें से एक हूं। मैं मानता हूं कि मेरा प्रदर्शन थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन इसे बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था। कोई भी मुझसे बात करने नहीं आया। मैं वेस्टइंडीज से 400 विकेट के साथ लौटा था, और उसके बाद मुझे टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा और फिर ऐसा समय भी आया जब मुझे टेस्ट टीम में कभी नहीं चुना गया।”
हरभजन ने भारत के लिए 103 टेस्ट, 236 एकदिवसीय और 28 टी -20 मैच खेले हैं। उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट में 294 विकेट झटके। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच मैच श्रीलंका के खिलाफ 2015 में खेला था जबकि उनका आखिरी एकदिवसीय उसी साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था। भारत के लिए उनका आखिरी मैच 2016 के एशिया कप में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ एक टी-20 मैच था। तब से उन्हें भारतीय टीम के लिए नहीं चुना गया है।
हरभजन ने कहा कि जिन खिलाड़ियों ने क्रिकेट को सब कुछ दिया है, वे बेहतर विदाई के लायक हैं और उन्हें उम्मीद है कि युवा क्रिकेटरों को इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “मैंने जो आखिरी एकदिवसीय श्रृंखला खेली, उसमें मैंने छह विकेट हासिल किए। बावजूद इसके मुझे पिर मौका नहीं मिला। चीजें मेरे लिए सही नहीं थीं और मैं भविष्य में इसके बारे में विस्तार से बात करूंगा। वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, वीवीएस लक्ष्मण सहित कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो बेहतर विदाई के हकदार हैं। अगर हम अपने खिलाड़ियों का सम्मान नहीं करते हैं तो कोई भी उनका सम्मान नहीं करेगा। मेरे साथ जो कुछ भी हुआ है, मुझे उम्मीद है कि ऐसा किसी और के साथ नहीं होगा।”