सहयोग के लिए सभी 75 जिलों में IAS-वरिष्ठ PCS अफसर भेजेगी योगी सरकार

Share
  • प्रवासी कामगारों के लिए स्थापित क्वारंटीन सेन्टर-कम्युनिटी किचन की व्यवस्थाओं में करेंगे मदद

लखनऊ :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस आ रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों के लिए स्थापित क्वारंटीन सेन्टर, आश्रय स्थलों तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्थाओं में सम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए सभी 75 जनपदों में आईएएस तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए हैं।

यह अधिकारी सम्बन्धित मण्डलायुक्त के निर्देशन में कार्य करेंगे। इस कार्य के लिए उन्होंने ऐसे अधिकारियों को ही नामित किए जाने के निर्देश दिए जो किसी भी प्रकार से कोरोना नियंत्रण आदि कार्याें से जुड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए हर स्तर पर बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है।

पर्याप्त संख्या में मेडिकल टीम की जाएं गठित

मुख्यमंत्री ने सोमवार को यहां लोक भवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में में कहा कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश लौटने वाले प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर भेजते हुए वहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। इसके लिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल टीम गठित की जाएं। यह मेडिकल टीम हेल्थ चेकअप तथा स्क्रीनिंग का कार्य करें।

क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन का निरीक्षण करें अधिकारी

उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में लोगों के लिए कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अलग-अलग अधिकारियों द्वारा क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया जाए। इनमें साफ-सफाई तथा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी किचन पहले से ही जियो टैग हो चुके हैं।

नोडल अधिकारियों की हो नियुक्ति

इसी क्रम में क्वारंटीन सेन्टर को भी जियो टैग किया जाए। इसका लाभ यह होगा कि राहत कन्ट्रोल रूम की वीडियो वाॅल से क्वारंटीन सेन्टर की लोकेशन तथा वहां पर संचालित कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए।

चोरी छिपे आने वालों पर नजर रखेंगी समितियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ चेकअप में स्वस्थ पाये गये लोगों को 14 दिन की होम क्वारंटीन के लिए घर भेजते समय राशन किट उपलब्ध कराया जाए। निराश्रित व्यक्तियों को राशन किट के साथ 01-01 हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से ग्राम प्रधानों तथा नगरों के पार्षदों से संवाद स्थापित करते हुए निगरानी समितियों के द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि चोरी-छिपे उनके क्षेत्र में आए तो वे प्रशासन को सूचित करें।

हाॅट स्पाॅट में रहने वाले कर्मी न आयें कार्य स्थल पर

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हाॅट स्पाॅट में रहने वाले कर्मी अपने कार्य स्थल पर न आयें, क्योंकि ऐसे लोगों की कोरोना कैरियर बनने की सम्भावना रहती है। इसका भी ध्यान रखा जाए कि लोग अनिवार्य रूप से मास्क अथवा फेस कवर आदि पहन कर ही बाहर निकलें। बच्चों के टीकाकरण कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। यह भी ध्यान रखा जाए कि इस कार्य से जुड़ा पैरामेडिकल स्टाफ मास्क, ग्लव्स व सेनिटाइजर का उपयोग करे।

सभी वेंटीलेटर फंक्शनल रखे जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को तेजी से प्रशिक्षित किया जाए। इमरजेन्सी सेवाएं उपलब्ध कराने वाली राजकीय एवं निजी नाॅन-कोविड अस्पतालों की सूची संकलित की जाए। पूल टेंस्टिंग को बढ़ावा देते हुए टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी वेंटीलेटर फंक्शनल रखे जाएं। आगरा, लखनऊ, मेरठ, कानपुर नगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, फिरोजाबाद आदि जनपदों में विशेष निगरानी की आवश्यकता है। इन जनपदों से प्रभावी संवाद बनाकर यहां की समस्याओं का निराकरण कराया जाए।

प्रदेश में निवेश आकर्षित करने को बनायी जाए व्यावहारिक कार्य योजना

मुख्यमंत्री ने लेबर रिफाॅर्म पर तत्काल कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के बैंक खाता संख्या व आधार कार्ड संख्या को संकलित करने की कार्यवाही को जारी रखते हुए लाभार्थियों के खाते में भरण-पोषण भत्ते की धनराशि अन्तरित की जाए।

उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में चीनी मिलें तथा ईट-भट्ठा उद्योग अच्छी प्रकार संचालित हुआ। भारत सरकार की एडवायजरी के अनुरूप सुरक्षा के सभी मानकों को अपनाते हुए उद्योग धन्धों को शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए एक वृहद एवं व्यावहारिक कार्य योजना बनायी जाए। इसके लिए आवश्यकतानुसार सेक्टोरल नीतियों में संशोधन पर भी विचार किया जाए।

नेशनल पोर्टेबिलिटी योजना का सभी को मिल रहा लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसलिए राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिह्नित करने के लिए कार्ययोजना बनायी जाए। प्रवासी कामगारों तथा श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इन्हें एक जनपद-एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा दुग्ध समितियों से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी योजना से प्रदेश के जुड़ जाने से यहां रह रहे महाराष्ट्र के मूल निवासियों ने खाद्यान्न प्राप्त किया है।

इसी प्रकार गोवा और कर्नाटक राज्यों में प्रदेश के मूल निवासियों ने इस योजना का लाभ उठाकर वहां खाद्यान्न प्राप्त किया। उन्होंने इस योजना के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरुक करने के निर्देश दिए, ताकि वे इसका लाभ ले सकें।