कोरोना पर महाराष्ट्र और पंजाब सरकार आमने-सामने, जानिए क्या है पूरा मामला

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चंडीगढ़ :- महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब से लौटे श्रद्धालुओं के कोरोना पॉजिटिव होने के मुद्दे पर अब पंजाब और महाराष्ट्र सरकार आमने-सामने आ गई हैं। महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चव्हाण के दावे को खारिज करते हुए पंजाब की परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा है कि महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री को ग़ैर-जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं करना चाहिए और तथ्यों की पुष्टि किए बिना कोई बयान नहीं देना चाहिए।

सुल्ताना ने कहा कि 31 वाहनों (20 बसें और 11 टैंपो ट्रैवलर) का पहला जत्था, जोकि श्री नांदेड़ साहिब से 860 श्रद्धालुओं को पंजाब लेकर आया था, में शामिल सभी वाहन और ड्राइवर महाराष्ट्र के थे। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के पहले तीन ग्रुप निजी बसों द्वारा आए थे, जिनका प्रबंध नांदेड़ साहिब से किया गया था।

उन्होंने बताया कि तख्त श्री हजूर साहिब ट्रस्ट की तरफ से भेजी गई सात बसों के पहले जत्थे ने 23 अप्रैल की रात को पंजाब के लिए अपना सफऱ शुरू किया। 11 टैम्पो ट्रैवलर्ज़ का दूसरा जत्था 24 अप्रैल की देर रात पंजाब के लिए चला और 26 अप्रैल की देर रात पहुंच गया। इसी तरह 13 बसों का तीसरा जत्था श्रद्धालुओं को लेकर 25 अप्रैल की देर रात और 26 अप्रैल की सुबह श्री हजूर साहिब से पंजाब के लिए चला। ये बसें 27 अप्रैल की देर रात और 28 अप्रैल की सुबह पंजाब पहुंची।

सुल्ताना ने बताया कि पंजाब सरकार की बसें 25 अप्रैल को पंजाब से नांदेड़ साहिब के लिए रवाना हुईं और 27 अप्रैल की सुबह वहां पहुंची। उन्होंने बताया कि इन बसों ने 27 अप्रैल की रात को वापस पंजाब के लिए अपनी यात्रा शुरू की और 29 अप्रैल के बाद दोपहर से 30 अप्रैल की सुबह तक बठिंडा पहुँची।

पंजाब की बसों द्वारा श्रद्धालुओं को लाने से पहले ही कुछ प्राइवेट वाहन नांदेड़ साहिब से पंजाब के लिए रवाना हो गए थे और इन निजी वाहनों में सवार यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें एक नांदेड़ से संबंधित ड्राइवर भी शामिल हैं।