इटावा : मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सरकारी के साथ निजी बसें होगी इस्तेमाल

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इटावा :- कोरोना वायरस के कारण देश में लागू हुए लॉकडाउन के कारण हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाने को मजबूर श्रमिकों को सकुशल घर पहुंचाने के लिए सरकारी रोडवेज बसों के साथ-साथ निजी बसें, एयर स्कूल बसों को अधिग्रहित करने का आदेश जिलाधिकारी ने जारी किया है।

निजी बसों को न देने पर बस स्वामी के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही किये जाने का आदेश जिलाधिकारी ने दिए हैं। जिलाधिकारी के इस आदेश से निजी बस स्वामियों में हड़कम्प मच गया है। वहीं जिलाधिकारी के इस आदेश की कई समाजसेवियों ने सराहना की है।

जिलाधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हजारों की संख्या में अन्य राज्यों में फंसे श्रमिक साधन न मिल पाने के कारण हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर अपने घर जाने को मजबूर हैं। पैदल यात्रा कर अपने घर जाने वाले मजदूरों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने के आदेश शासन से प्राप्त हुए हैं। इसी क्रम में जनपद की सभी सीमाओं पर कलेक्शन सेंटर बनाये गए हैं। वहां से मजदूरों को इकट्ठा कर नुमाइश मैदान में इकट्ठा किया जा रहा है। और मजदूरों की स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जांच करने के बाद उन्हें उनके ग्रह जनपद तक सकुशल पहुंचाने के लिए सरकारी बसों को लगाया जा रहा है।

लेकिन मजदूरों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण सरकारी रोडवेज बसें कम पड़ रही है। इसीलिए निजी बस स्वामियों को अपनी बसें संभागीय परिवहन अधिकारी को उपलब्ध करवाने का आदेश जारी किया गया है। यदि कोई बस स्वामी अपने वाहन को देने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही करने का आदेश भी दिया गया है।

जिलाधिकारी के इस आदेश की सराहना करते हुए समाजसेवी कृष्णा चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर की यात्रा तय करके अपने घर जाने को मजबूर है। ऐसे में उन्हें सकुशल घर पहुंचाने के लिए सरकारी बसें लगाई जा रही हैं, लेकिन मजदूरों की संख्याबल को देखते हुए सरकारी बसों के माध्यम से सभी को पहुंचाना सम्भव नहीं है। इसलिए निजी बसों को अधिग्रहित करने का आदेश सराहनीय है सभी बस स्वामियों को इस आदेश का सम्मान करते हुए अपने वाहनों को मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भेज देना चाहिए।