घर जाने के लिए निकले प्रवासी मजदूरों को पुलिस ने रोका, पथराव व हंगामा

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अहमदाबाद :- केंद्र सरकार के लॉकडाउन की अवधि को दो सप्ताह और बढ़ा देने से राज्य में प्रवासी श्रमिक की बेचैनी बढ़ गई है। केन्द्र सरकार से घर जाने की अनुमति मिलने के बाद सूरत और भरुच के मजदूरों ने स्थानीय प्रशासन से पास लेकर अपने संसाधनों से निकल पड़े थे। लेकिन वडोदरा जिला पुलिस ने इन मजदूरों को रोक लिया। जिससे आक्रोशित श्रमिकों ने हंगामा व पथराव किया और सड़क पर बैठ गये। बाद में भारी संख्या में पुलिस ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाया और सभी को सड़क से हटाया।

केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिक को घर जाने की अनुमति देने के बाद शुक्रवार की देर रात सैकड़ों लोग सूरत और भरुच से प्रशासन से पास लेकर अपने खर्चे पर बस आदि किराए पर लेकर निकल पड़े। लेकिन शनिवार को सुबह रास्ते में वडोदरा पुलिस ने कर्जन टोलनाका पर दिल्ली, यूपी, बिहार और राजस्थान जाने वाले प्रवासी श्रमिकों को रोक लिया। इस पर आक्रोशित श्रमिकों ने पुलिस के वाहनों पर पथराव किया और यातायात जाम कर दिया। हालांकि बाद में पुलिस ने और अधिक पुलिस फोर्स बुलाकर यातायात खुलवाया। प्रवासी श्रमिकों का आरोप है कि सरकार की मंजूरी मिलने के बाद हमको घर जाने के स्थानीय प्रशासन ने पास जारी किया है। अब यहां बीच रास्ते में पुलिस ने उन्हें राेक लिया है। पुलिस का कहना है कि उन्हें पास जारी करने की कोई जानकारी नहीं है। फिलहास सैकड़ों श्रमिकों का कर्जन नाकाटोल के पास इनको रोक रखा गया है। इस संबंध में कोई प्रशासनिक अधिकारी कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहा है। इसी बीच खबर मिली कि सूरत और अंकलेश्वर के बीच दमोद चेक पोस्ट पर भी लाेगों के जाने और पास बनाने का कार्य रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि पांच राज्यों की सरकार ने गुजरात के फंसे हुए प्रवासी श्रमिक को स्वीकार लेने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। कर्जन नाकाटोला पर रोके गये सैकड़ों प्रवासियों श्रमिकों में रोष है।