Ghaziabad : निजता कानून के तहत सुरक्षित रखा जाता है आरोग्य सेतु एप का डाटा

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  • एप पर पूछे गए सवालों के उत्तर देकर जान सकते हैं आप कितने सुरक्षित हैं 

गाजियाबाद :- भारत सरकार की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति आशंका का पता लगाने के लिए लांच किए गए आरोग्य सेतु ऐप के डाटा को निजता कानून के तहत सुरक्षित रखा जाता है। मतलब साफ है कि आप ऐप पर पूछे गए सवालों का जो उत्तर देते हैं उसकी जानकारी किसी को नहीं दी जाती यह जानकारी जिला सूचना अधिकारी (डीआईओ) राकेश चौहान ने दी है।

उन्होंने जनपदवासियों से इस एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने की अपील की है। ताकि हर व्यक्ति यह जान सके कि उसे कोरोना वायरस के संक्रमण की कितनी आशंका है। यह एप 14 भाषाओं में  उपलब्ध है। आप अपनी पसंद की भाषा का चयन करते हुए एप पर पूछे गए सवालों का उत्तर देकर न केवल खुद को आश्वस्त कर सकते हैं बल्कि इस एप की ओर से आपको संवेदनशील क्षेत्र में जाने पर  अलर्ट भी किया जाएगा और संक्रमण से आपके बचाव में यह एप कारगर साबित हो सकेगा। 

कैसे काम करता है एप :

डीआईओ ने बताया कोरोना से बचाव एवं स्वमूल्यांकन हेतु भारत सरकार द्वारा ” आरोग्य सेतु नामसे एक आधुनिक मोबाइल ऐप का विकास किया गया है, जोकि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे एवं जोखिम का आकलन करने में नागरिकों की मदद करता है। यह मोबाइल एप ब्लूटूथ, लोकेशन एवं मोबाइल नंबर कर उपयोग कर आसपास मौजूद कोरोना संक्रमित लोगों केबारे में अलर्ट जारी करता है। उक्त मोबाइल एप एंड्रॉइड/आईओएस दोनों तरह के मोबाइल आपरेटिंग साफ्टवेयर के लिए उपलब्ध है।

विशिष्टताओं के अतिरिक्त इसमें राज्य वार कोरोना हेल्पलाइन सेंटर की सूची भी उपलब्ध कराई गई है। इस ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता द्वारा किसी भी समय पूर्व निर्धारित प्रश्नों का उत्तर देकर स्वयं अपना मूल्यांकन भी किया जा सकता है। डीआईओ ने सभी विभागों के अधिकारियों से भी अपील की है कि वह अपने मातहत कर्मचारियों को यह एप डाउनलोड करने के लिए कहें।