एप्प से होगी नोएडा-ग्रेनो के डेढ़ लाख बुजुर्गों की सुरक्षा

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नोएडा। नोएडा-ग्रेनो में अकेले रहने वाले डेढ़ लाख से अधिक बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए नोएडा पुलिस एप तैयार करा रही है। इसे डाउनलोड करने के बाद बुजुर्ग के आपात स्थिति में एप का इमरजेंसी बटन दबाते ही पुलिस तुरंत मदद के लिए पहुंचेगी और उनके परिजनों को भी जानकारी प्राप्त होगी। नोएडा पुलिस इस एप को तैयार कराकर जल्द ही लांच करने की तैयारी में है। इसके लिए पुलिस अधिकारी तकनीकी विशेषज्ञों के साथ संपर्क में है।

दरअसल, शहर में रह रहे बुजुर्गों के एकाकी जीवन व उनके साथ हो रही घटनाओं के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया है। नौकरों व हेल्पर के सहारे ही इनका काम चलता है और कभी बदमाश तो कभी ये हेल्पर व नौकर ही निशाना बनाने से नहीं चूकते। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में डेढ़ लाख से अधिक बुजुर्ग सरकारी व प्राइवेट फ्लैट में अकेले रहे हैं। नोएडा में एयरफोर्स, नेवी, आर्मी से जुड़े सेक्टर-15ए, 21, 25, 28, 29, 37 व 82 हैं। इसके अलावा सेक्टर-49, 51, 61, 62 स्थित केंद्रीय विहार, रेल विहार व अन्य सोसाइटी में केंद्र व राज्य से रिटायर्ड अधिकारियों के घर हैं। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा व नोएडा की हाईराइज सोसायटियों में भी पूर्व मुख्य न्यायाधीश से लेकर एक हजार से अधिक रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस व अन्य अधिकारी रह रहे हैं।

बुजुर्गों के लिए हेल्पलाइन बनाने का मामला वर्ष 2004 से अटका हुआ है। अब तक कई बैठकें हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। 2004 में नोएडा सिटीजन फोरम ने सीनियर सिटीजन की सुरक्षा के लिए एक टास्क फोर्स बनाई थी। इस फोर्स ने तीन सप्ताह में एक्शन प्लान तैयार कर पुलिस को सौंप दिया था। टास्क फोर्स की पहली बैठक 7 सितंबर 2004 को हुई थी। फोर्स का नोडल अफसर एसएसपी व डीएम और कोआर्डिनेटर एसपी सिटी को बनाया गया था। सितंबर 2004 को दूसरी बैठक हुई। दिल्ली पुलिस के सीनियर सिटीजन सेल के लिए काम कर रही एक संस्था एजवेल फाउंडेशन के लोग भी इस फोर्स में शामिल थे।

उन्होंने प्रस्तुतिकरण भी पुलिस के सामने दिया था। इस मुद्दे पर कार्रवाई के लिए अंतिम पत्र 25 जुलाई 2005 को जिलाधिकारी को भेजा गया। जिलाधिकारी ने मार्च 2006 में यह पत्र कार्रवाई के लिए एसएसपी के पास भेजा। इसके बाद कई बार बैठक हो चुकी हैं, लेकिन फाइल इधर से उधर ही घूम रही है।

पुलिस की घोषणा के मुताबिक, थानों में एक रजिस्टर पर बुजुर्गों के नाम-पते फोटो सहित दर्ज होने थे। साथ में हर थाना क्षेत्र में सीनियर सिटीजन कमेटी का गठन भी किया जाना था, लेकिन अब न तो महीने में एक बार थानाध्यक्ष के साथ बैठक होती है और न ही कमेटी का भी गठन हो पाया है। वहीं, मार्निंग वाक के समय बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए अलग पुलिस दस्ते भी नहीं बनाए गए।

एसएसपी वैभव कृष्ण का कहना है कि बुजुर्गों की सुरक्षा व सहायता के लिए पुलिस एप तैयार करा रही है। इससे हर बुजुर्गों को जोड़ा जाएगा। अगर कोई बुजुर्ग किसी परेशानी में हैं तो एप का इमरजेंसी बटन दबाते ही पुलिस को सूचना मिल जाएगी। वहीं इस एप से बुजुर्ग के परिजनों का मोबाइल नंबर भी जोड़ दिया जाएगा। इमरजेंसी बटन दबाने पर पुलिस व उनके परिजनों को भी जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद पुलिस उन्हें तुरंत ही सहायता उपलब्ध कराएगी। एसएसपी ने बताया कि इसे जल्द ही लांच किया जाएगा।