अयोध्या। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि मामले को खत्म करने की डेडलाइन में बदलाव किया है। कोर्ट के नए आदेशानुसार तीनों पक्षों को अपनी दलीलें 17 अक्टूबर तक पूरी करनी होगी। बता दें कि पहले 18 अक्टूबर की तारीख निश्चित की गई थी। इससे पहले गुरुवार को 36वें दिन की सुनवाई हुई थी जिसमें मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पांच जजों की पीठ ने रामजन्मस्थान पुनरोद्धार समिति को नया तथ्य रखने से रोक दिया था और कहा था कि भरोसा रखिए, हम ऐसा फैसला देंगे जिसे हमें देने की जरूरत है।
आज सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की ओर से दलीलें दी गई। उन्होंने दावा किया था कि 14 अक्टूबर को ही वे अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे। दरअसल गुरूवार को पुनरोद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ऐसे दस्तावेज पेश कर रहे थे, जो उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में नहीं रखे थे। पीठ को महत्वपूर्ण मुद्दे पर फैसला देना है। लिहाजा उसे इन दस्तावेजों को भी देखना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘यह किसने कहा कि हम संविधान पीठ हैं? क्या इसको नियमानुसार सवाल रेफर किया गया है? यह पांच जजों की पीठ है, जो उच्च न्यायालय से आई पहली अपील पर सुनवाई कर रही है। हम संविधान पीठ नहीं हैं।’
गुरुवार को हिंदू पक्ष का कहना था कि एएसआइ की खुदाई में ऐसे कई सबूत मिले हैं जिससे पता चलता है कि यहां पहले मंदिर था। बाद में इसे ही तोड़कर मस्जिद बना दिया गया। इस बात का दावा हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन ने सुप्रीम कोर्ट में किया। उन्होंने तर्क दिया कि खुदाई में ऐसे कई खंभे मिले हैं जो साबित करते हैं कि वहां पहले मंदिर था।
CJI ने कहा कि सोमवार तक राजीव धवन अपनी जिरह पूरी कर लेंगे। मंगलवार और बुधवार को हिन्दू पक्ष रिप्लाई देगा। गुरुवार को molding of relief पर बहस होगी। 18 अक्टूबर की डेडलाइन थी। अब सुनवाई एक दिन पहले ही खत्म हो जाएगी। इस तरह 17 अक्टूबर अयोध्या सुनवाई का आखिरी दिन होगा।