जानिए मोदी-शी जिनपिंग की आज की ख़ास मुलाक़ात का पूरा सार

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तमिलनाडु। भारत दौरे पर आए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार यानी आज मुलाकात होने वाली है. इस मुलाकात से एक दिन पहले दोनों देशों की कंपनियों के बीच 129 अहम एमओयू पर करार हुए. जिन अ‍हम एमओयू पर दोनों देशों की कंपनियों ने हस्‍ताक्षर किए उनमें एग्री, मिनरल, टेक्‍सटाइल और फूड प्रोसेसिंग सेक्‍टर शामिल हैं. जिनपिंग के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. 

दोनों के बीच यह मुलाकात दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के मामल्लापुरम शहर में होगी। शी दोपहर को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई पहुंचेंगे। शाम के वक्त वह मोदी से मुलाकात करेंगे और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मामल्लापुरम में कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे। रात तक चलने वाली बैठक के बाद दोनों नेता चर्चाओं को जारी रखने के लिए शनिवार को दोबारा मिलेंगे। चीन के राष्ट्रपति शनिवार की दोपहर ही नेपाल के लिए रवाना हो जाएंगे।

चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने पीटीआई भाषा को दिये एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रही दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नयी दिशा देने पर दिशानिर्देशक सिद्धांतों समेत नयी आम-सहमति बन सकती हैं।

एमओयू करार के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने ट्रेड और निवेश बढ़ाने पर जोर दिया. चीनी प्रतिनिधियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध गंगा की तरह शाश्वत हैं. चीन के प्रतिनिधि ने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमारा भारत में निवेश बढ़ा है. वहीं चीन में भारत के भी निवेश में इजाफा हुआ है. उन्‍होंने आगे बताया कि हमारे ओप्पो, श्योमी जैसे चीनी ब्रांड अब भारत के घरेलू प्रोडक्ट हो गए हैं.

शी जिनपिंग दोपहर 2.10 बजे चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे. एयरपोर्ट पर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पनीरसेल्वम उनका स्वागत करेंगे. एयरपोर्ट पर 350 से ज्यादा सांस्कृतिक कलाकार जिनपिंग के स्वागत में प्रस्तुति देंगे. इतना ही नहीं 40 पारंपरिक भरतनाट्यम कलाकार स्वागत मुद्राओं में नृत्य भी करेंगे. इसके बाद चीनी राष्ट्रपति कार में सवार होकर हवाई अड्डे से होटल और फिर वहां से महाबलीपुरम के सफर पर निकलेंगे.

भारत-चीन शिखर वार्ता से पहले मामल्लापुरम के अति प्राचीन स्मारकों को सजाया-संवारा जा रहा है। पूर्वी तटीय सड़क से मामल्लापुरम में प्रवेश पर दोनों नेताओं के स्वागत के लिए एक भव्य तोरण द्वार बनाया गया है। शी जिस होटल में रुकेंगे, उसके सामने केले के पेड़ों और गन्नों से पारम्परिक तोरण द्वार बनाए गए हैं।

राष्ट्रपति जिनपिंग के काफिले में चीन से आई उनकी होंगशी कारें मौजूद होंगी. हालांकि काफिले में सुरक्षा वाहन समेत अन्य कारें भारतीय होंगी. लेकिन चीनी राष्ट्रपति अपनी विशेष मेड इन चाइन कार होंगशी L5 में ही सवार होंगे. जिसे चीनी लिमोजीन भी कहा जाता है. जिनपिंग हर विदेशी दौरे पर इसी होंगशी कार का इस्तेमाल करते हैं.

शी जिनपिंग शाम 4 बजे महाबलीपुरम पहुंचेंगे.शाम 5 बजे 3 स्मारकों अर्जुन तपस्या, पांच रथ और शोर मंदिर जाएंगे. शाम 6 बजे शोर मंदिर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में शरीक होंगे और 6.45 बजे पीएम मोदी के डिनर में शामिल होंगे. डिनर में चीनी राष्ट्रपति को दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखाया जाएगा. दावत की मेज पर स्वाद के साथ साथ बातचीत का सिलसिला भी चलता रहेगा. डिनर के बाद रात करीब 9 बजे चीनी राष्ट्रपति चेन्नई के अपने होटल के लिए रवाना हो जाएंगे.

राष्ट्रपति जिनपिंग डिनर करने के बाद महाबलिपुरम से चेन्नई लौटेंगे. वहीं अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को द्विपक्षीय मुलाकात के लिए फिर चेन्नई से महाबलिपुरम जाएंगे. पीएम मोदी के साथ बातचीत और दोपहर भोज के बाद चीनी राष्ट्रपति शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे चेन्नई से रवाना होंगे. पिछले साल अप्रैल में भी पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग की मेजबानी की थी.

महाबलीपुरम के स्मारकों की झांकियों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है. सबसे पहले पीएम मोदी शी जिनपिंग को अर्जुन तपस्या स्मारक लेकर जाएंगे. कहा जाता है कि शिव का हथियार प्राप्त करने के लिए अर्जुन ने 12 साल एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की थी. अर्जुन की इसी तपस्या को यहां दिखाया गया है. अर्जुन तपस्या स्मारक के बाद पीएम मोदी का अगला पड़ाव पंच रथ मंदिर होगा. पंचरथ मंदिर के बाद शी जिनपिंग महाबलीपुरम के सबसे मशहूर शोर मंदिर पहुंचेंगे.

आपको बता दें कि मोदी-जिनपिंग मुलाकात के लिए स्थान चयन का फैसला चीन के साथ संयोजन से किया गया है. स्पष्ट मार्गदर्शन था कि राष्ट्रीय राजधानी के बाहर की कोई जगह तलाशी जाए. राष्ट्रपति जिनपिंग को इतिहास और संस्कृति में रुचि है. इसलिए भारत ने एक ऐसे स्थान की तलाश की जिसमें अन्य सभी आधारभूत संरचनाएं हों. चीन की मौजूदा कम्यूनिस्ट सरकार के पहली प्रधानमंत्री झाऊ एन लाई भी महाबलीपुरम आए थे.

सूत्रों ने कहा कि दक्षिण भारत के इस प्राचीन तटीय शहर में यह शिखर वार्ता चीन के अमेरिका के साथ कारोबारी संबंधों में बढ़ती दरार की पृष्ठभूमि में होगी। दोनों नेता व्यापार और कारोबारी संबंधों के विस्तार के तरीकों पर बात कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बातचीत में राजनीतिक संबंधों, व्यापार तथा करीब 3500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर शांति बनाये रखने पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।