यूपी में होमगार्ड्स की छंटनी के मामले में होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

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लखनऊ। होम गार्ड्स की छंटनी को लेकर चेतन चौहान ने प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस वार्ता में चेतन चौहान ने कहा कि 25 हज़ार होम गार्ड्स को ड्यूटी से हटाने को लेकर अलग अलग विभागों से आज चर्चा हुई है। होमगार्ड्स की आवश्यकता की बात पुलिस और गृह विभाग ने माना है। इसके लिए पुलिस विभाग के पास पैसा नहीं था, इसलिए हटाया गया है। इनकी सेवाएं सुचारू रहेंगी लेकिन ड्यूटी के दिनों में कुछ कटौती की जाएगी। आज की बैठक में जो फैसला हुआ है, उसकी सूचना सीएम को दी जाएगी। उम्मीद है कि सीएम इसपर कुछ फैसला लेंगे।

चेतन चौहान ने कहा कि समस्या वित्त की है, जिसका समाधान निकालने की कोशिश हो रही है। बैठक में निकलकर यह आया है कि होमगार्डस की आवश्यकता है, ऐसे में इनकी सेवाएं लेने में वित्त की समस्या है कि पैसा कैसे और कहां से लाया जाए, इसपर फैसला हो रहा है। गृह विभाग के पास कुछ फंड हैं, जिसको लेकर सुझाव आया है। 25 हज़ार जवानों की वर्तमान स्थिति यह है कि कुछ जवानों को मांग के मुताबिक़ कुछ काम मिल रहा है लेकिन कुछ फ़िलहाल बैठे हुए हैं। अगर पुलिस और गृह विभाग 25 हज़ार होमगार्ड्स को नहीं लेगा तो ये सभी होमगार्ड विभाग के पास आएंगे। ऐसे में पुलिस विभाग ने जिन 25 हज़ार जवानों को वापस किया है, उनमें से कुछ जवानों से अभी ज़िलों में ज़रूरत के हिसाब से सेवाएं ली जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि लगभग 90 हज़ार होमगार्ड हैं, जो अलग अलग जगहों पर ड्यूटी करते हैं। पुलिस में 31 हज़ार, डायल 100 में 7 से 8 हज़ार ड्राइवर का काम कर रहे हैं। जिनके ख़िलाफ़ कोई शिकायत नहीं आती है। वर्तमान सरकार ने ड्यूटी बढ़ाने का काम किया। उनके दैनिक भुगतान को 2018 में 125 रुपये बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया था। अब ये कोर्ट के आदेश पर बढ़कर 672 रुपये हो गया है। ये बढ़ोतरी सितंबर 2016 से लागू होगी। पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में बसपा सरकार में 100 से 200 हुआ था और सपा में 200 से 372 रुपये हुआ था। कल्याण कोष पहले 5 करोड़ था, जिसको बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया। इस कोष से होमगार्डों को दुर्घटना में मुआवज़ा दिया जाता है।

कुल मिलाकर अभी भी सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है। ज़रूरत होने की बात कही जा रही है लेकिन पैसे कहाँ से आएंगे, वापसी का रोडमैप क्या होगा, इसपर मंत्री अपना रुख़ साफ नहीं कर पा रहे।