द्रास। कश्मीर मुद्दे पर बौखलाया पाकिस्तान अब जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए नए-नए रास्ते तलाश रहा है। जम्मू-कश्मीर के सिंध घाटी में करीब 6 साल बाद घुसपैठ की घटना सामने आई है। जम्मू-कश्मीर में सर्दियों के शुरू होने से पहले आतंकवादियों को भेजने के लिए पाकिस्तान ने पूरी ताकत लगा दी है लेकिन सुरक्षा बलों की चौकस निगरानी के कारण उसे हर बार मुंह की खानी पड़ रही है। इस दफा सेना की कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए हैं। इस बीच खुफिया सूत्रों ने जैश आतंकियों के हमले करने की साजिश रचने की जानकारी भी भारतीय सेना को दी है।
आतंकवादियों के पास से बरामद हुए वायरलेस वीएचएफ सेट से यह पता चलता है कि वे लोग इसकी मदद से पाकिस्तान में बैठे अपने आका के साथ संपर्क में थे। हम नमूनों की डीएनए जांच कर रहे हैं। हमें यह भी बताया गया है कि इस परिवार को सऊदी अरब से किसी ने अलर्ट किया था। हम उस व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’
शीर्ष खुफिया अधिकारी, कम्मू कश्मीर
इसके अतिरिक्त खबर है कि आतंकवादियों के घुसपैठ की यह घटना 27 सितंबर और 3 अक्टूबर को हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले कई साल से सिंध घाटी शांत थी और यहां पर अंतिम आतंकवाद निरोधक अभियान अगस्त 2013 में चलाया गया था। सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के हर तरफ से आतंकवादियों की घुसपैठ कराकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। इससे घाटी के स्थानीय लोग दहशत में हैं और उन्हें यह डर सता रहा है कि पाकिस्तानी आतंकियों के हाथों उनकी जान जा सकती है।’
वाकई ग्रेनेड लॉन्चर के साथ दो आतंकवादियों का आना क्षेत्र के लिए चिंताजनक बात है। आपको बता दें कि यह इलाका जिप्सी समुदाय के लोगों का है और ये लोग अखरोट तथा अन्य प्राकृतिक जड़ी बूटियों से अपना घर चलाते हैं।