क्या बगदादी का खात्मा करने वाली ‘डेल्टा फाॅर्स’ की इन खूबियों से वाकिफ हैं आप?

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सरस जनवाद ब्यूरो। पूरी दुनिया में आतंक के पर्याय बने खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) का सरगना अबू बकर अल-बगदादी यूएस फोर्स द्वारा मार दिया गया। अमेरिकी सेना की स्पेशल फोर्स डेल्टा वन के 70 कमांडोज ने बगदादी को मारने के ऑपरेशन को अंजाम दिया। इन जवानों को आठ हेलीकॉप्टरों के जरिए तुर्की सीमा के नजदीक सीरिया के इदलिब प्रांत के बारिश गांव में ड्रप किया गया। जहां उन्होंने आतंकी सरगना बगदादी को उसी के ठिकाने में घेर लिया। डेल्टा फोर्स से ना बच पाने की सूरत में अल-बगदादी ने अपने तीन बच्चों के साथ खुद को बम से उड़ा लिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बगदादी के बारे जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दुनिया को अपने आतंक से डराने वाला बगदादी कायरों की तरह कुत्ते की मौत मारा गया। आईएस सरगना अल-बगदादी को मारने के लिए अमेरिकी स्पेशल फोर्स द्वारा चलाए गए ऑपरेशन का नाम अब्लीटरेशन रखा गया था, जबकि बगदादी का कोडनेम जैकपॉट रखा गया था। दुनिया के सबसे खूंखार आंतकी संगठन के सरगना बगदादी को मारने के लिए अमेरिका ने आखिर डेल्टा फोर्स को क्यों उतारा?

दरअसल डेल्टा फोर्स अमेरिकी सेना की एक स्पेशल यूनिट है, जिसे काफी हद तक सार्वजनिक रूप से छुपा कर रखा गया है। लेकिन तकनीकी रूप से यह फोर्स अमेरिकी सेना की एक टुकड़ी है। जिसके इतिहास का कुछ हिस्सा सर्वाजनिक रिकॉर्ड में मिलता है।

अमेरिकी सैन्य इतिहास से मिली जानकारी के अनुसार दुनिया भर में खतरनाक और मुश्किल ऑपेरशनों को अंजाम देने के लिए 1977 में डेल्टा फोर्स का गठन किया गया था। इस फोर्स में विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ और संवेदनशील ऑपरेशन को अंजाम देने की क्षमता है।

डेल्टा फोर्स और नेवी सील्स का गठन 1970 के दशक में राजनीतिक हिंसा के बढ़ते खतरे को देखते हुए किया गया था। दरअसल यह वही दौर था, जब वाशिंगटन ने यूरोप और मध्य पूर्व के देशों में आतंक को एक प्रमुख समस्या के रूप में देखा। 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के दौरान हुए फिलिस्तीनी आतंकवादियों के हमले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया।

गौरतलब है कि इस आंतकवादी हमले में इजरायली टीम के सभी सदस्य मारे गए थे। इसके साथ ही इस दौरान पूरे यूरोपीय महाद्वीप में वामपंथी कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा और आतंक का खूनी खेल खेला जा रहा था। ऐसी परिस्थिति के चलते उत्पन्न खतरे को भांपते हुए और उसका सफलतापूर्वक सामना करने के लिए अमेरिकी सेना के एक कर्नल चार्ली बेकविथ ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के सामने डेल्टा फोर्स बनाने का प्रस्ताव रखा था।दरअसल कर्नल बेकविथ ने 1960 के दशक में यूनाइट किंगडम की स्पेशल फोर्स द्वारा मलेशिया में चलाए गए विशेष ऑपरेशन में हिस्सा लिया था। ऑपरेशन के दौरान एसएएस के साथ काम करने का जो अनुभव कर्नल बेकविथ को मिला, उसी के आधार पर 1977 में डेल्टा फोर्स का गठन किया गया।

डेल्टा फोर्स में उच्च  क्षमताओं से लैस छोटी-छोटी टीम बनाई जाती हैं। परिपक्व, पेशेवर रूप से प्रशिक्षित, ऑन-द-स्पॉट निर्णय लेने में सक्षम मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार व्यक्ति ही इस टीम का हिस्सा होते हैं। डेल्टा फोर्स में चयन प्रक्रिया वास्तव में कर्नल बेकविथ द्वारा एसएएस में किए गए अनुभवों पर ही आधरित है।

जुलाई 1978 तक डेल्टा फोर्स में 21 अधिकारी और 151 सोल्जर्स शामिल किए गये थे। फोर्स को अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग टीम में बांटा जाता है। मिशन की आवश्यकता के अनुसार प्रशासकों द्वारा सैनिकों के साथ चिकित्साकर्मियों, खुफिया विशेषज्ञ और रेडियो ऑपरेटरों को भी भेजा जाता है। ऑपरेशन को चलाने वाले हिस्से को ई डिटैचमेंट कहा जाता है, जो 20 लोगों की एक टीम होती है।

डेल्टा फोर्स में कैप्टन के नीचे के अधिकारियों को शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि 1979 के बाद से डेल्टा फोर्स के संगठन की आधिकारिक जानकारी अपडेट नहीं है। पत्रकार और लेखक सीन नयलर ने ”नॉट ए गुड डे टू डाई: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ऑपरेशन एनाकोंडा” में लिखा है कि डेल्टा फोर्स के एक यूनिट में अब लगभग 1,000 उच्च प्रशिक्षित सैनिक हो सकते हैं।

डेल्टा फोर्स में अधिकतर ट्रेनी अमेरिकी सेना के दो खास ऑपरेशन दल 75वीं रेंजर रेजिमेंट और ग्रीन बेरेट से ही शामिल होते हैं। फोर्स में शामिल सोल्जर्स को ऑपरेटर ट्रेनिंग कोर्स में बंधकों को छुड़ाने के लिए बेहद कठिन ट्रेनिंग दी जाती है। सिविलियन बिल्डिंग, एयरलाइनर और युद्धपोत में जवानों को बंधकों को छुड़ाने की प्रैक्टिस कराई जाती है।

डेल्टा ट्रेनी बम बनाने की भी तकनीक सीखते हैं। इन्हें सीआईए से जासूसी की कला भी सिखाई जाती है। इन ट्रेनियों में से कुछ चुनिंदा लोग ही शामिल हो पाते हैं। हालांकि डेल्टा फोर्स द्वारा 1979 में ईरान में बंधकों को छुड़ाने वाला ऑपरेशन बुरी तरह से असफल हुआ था। इस मिशन के दौरान एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी।

दरअसल डेल्टा फोर्स 1980 से ही कई खतरनाक आतंकवाद निरोधी ऑपरेशनों को अंजाम दे चुकी है। जिसमें से प्रमुख ऑपरेशन ग्रेनेडा में राजनीतिक बंदियों को छुड़ाने के साथ-साथ आईएसआईएस के आतंकियों के सफाए का ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा सोमालिया और इराक में भी कई ऑपरेशनों को सफल अंजाम दिया है। हालांकि डेल्टा फोर्स  द्वारा चलाए जाने वाले ऑपरेशनों को गुप्त रखा जाता है।