मदद करने के नाम पर लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाले गिरफ्तार

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दिल्ली एनसीआर में बनाते थे लोगों को निशाना विभिन्न बैंकों के 43 एटीएम कार्ड, नशीला पदार्थ और 47 हजार रुपए बरामद

गाजियाबाद। कविनगर थाने की पुलिस ने मदद करने के नाम पर लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी से रकम निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार शातिरों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इनके पास से पुलिस ने विभिन्न बैंकों के 43 एटीएम कार्ड, 47 हजार रुपए की नकदी और 75 ग्राम नशीला पदार्थ बरामद किया है। पुलिस गिरफ्त में आया यह गिरोह दिल्ली एनसीआर में भोले भाले लोगों को अपना निशाना बनाता था।

पुलिस ने बताया कि शनिवार की देर रात पुलिस अपराधिक वारदातों को रोकने के लिए क्षेत्र में गश्त कर रही थी। जैसे ही वह लाल कुआं पुल के नीचे पहुंची तो उन्हें चार युवक संदिग्ध अवस्था में नजर आए। शक होने पर पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया तो वह घबरा गए और भागने का प्रयास करने लगे। जिनको पुलिस ने पकड़ लिया और पूछताछ की गई तो पता चला कि वह दिल्ली एनसीआर में एटीएम पर नजर रखते हैं और नकदी निकालने आने वाले भोले भाले लोगों की मदद करने के नाम पर धोखाधड़ी कर उनका एटीएम कार्ड बदल लेते हैं और चालाकी से उनका पिन कोड जान लिया करते हैं।

बाद में उनके खाते से रकम निकाल लिया करते हैं। खाते से रकम निकालने का पता लोगों को बाद में मोबाइल पर मैसेज पहुंचने पर चलता है। पुलिस ने बताया कि तलाशी लेने के दौरान शातिरों के पास से विभिन्न बैंकों के 43 एटीएम कार्ड, 47 हजार रुपए और 75 ग्राम नशीला पदार्थ बरामद किया गया। ठगों के नाम अलाउद्दीन, मुनिश उर्फ लाला, शहजाद और शाहीन निवासी लोनी है। पुलिस ने बताया कि अब तक यह गिरोह बहुत से लोग को अपना निशाना बना चुका है। पुलिस का दावा है कि रात भी बदमाश किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। जिनको दबोच लिया गया।

अच्छा खासा है अपराधिक इतिहास, पुलिस ने बताया कि पकड़े गए शातिरों का अपराधिक इतिहास अच्छा खासा है। इनमें अलाउद्दीन के खिलाफ विभिन्न थानों में 4, मुनिश उर्फ लाला के खिलाफ 13, शहजाद के खिलाफ 9 और शाहीन के खिलाफ 7 मुकदमें दर्ज हैं। उसने बताया कि पकड़े गए शातिर पूर्व में कई बार जेल भी जा चुके हैं।

इतने है पढ़े-लिखे, पुलिस ने बताया कि पकड़े गए शातिरों में अलाउद्दीन पांचवी पास है, जबकि मुनिश छठी पास है। इसके अलावा शहजाद अनपढ़ है और शाहीन 12वीं पास है। पुलिस ने बताया कि इतना कम पढ़े लिखे होने के बाद भी शातिर लोगों की बैंकों में जमा खून पसीने की कमाई को आसानी से उड़ा देते थे और इसका लोगों को बाद में मोबाइल पर रकम निकलने का मैसेज पहुंचने पर पता चलता था।