अगर आरोपी की जेब में हो दम, तो हवालात में भी मिलते है चाय-समोसे गरम !!!

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गाजियाबाद। एक फिल्मी डायलॉग है कि जिसके पास पैसा होता है उसको दुनिया सलाम करती है। इस पंक्ति को सच में बदलता एक वाक़या गाज़ियाबाद से निकलकर आ रहा है। जी हाँ! ग़ाज़ियाबाद का है जहां प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गाजियाबाद के नए बस अड्डे पर बने रेड मॉल के दो डायरेक्टरों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का 147 करोड़ों रुपए का राजस्व ना चुकाने के चलते हवालात में बंद किया गया है। लेकिन यहां पर तमाम सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस पर बड़े सवाल उस वक्त खड़े हो गए जब हवालात में बंद रेड मॉल के डायरेक्टर और कर्मचारियों की उनके बाउंसर द्वारा जमकर खातिरदारी की गई।

बताते चलें कि गाजियाबाद के नए बस अड्डे पर बने सबसे बड़े रेड मॉल गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का 147 करोड रुपए का राजस्व बकाया चल रहा है जिसे चुकाए जाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कई बार रेड मॉल को सील किया गया। कुछ राशि जमा करने के बाद और जल्द ही चुकाए जाने का भरोसा देने के बाद मॉल पर लगी सील को खोल दिया गया था।

लेकिन रेड मॉल के डायरेक्टर द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को राजस्व चुकाने की दी गई तारीख के बाद भी राजस्व नहीं चुकाया गया। जिसके चलते प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सोमवार की देर शाम रेड मॉल के डायरेक्टरों  के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए रेड मॉल के डायरेक्टर राकेश जैन और संजीव कुमार को हवालात में बंद कर दिया गया।

हवालात में बंद दोनों डायरेक्टर की उनके बाउंसर  द्वारा जमकर खातिरदारी की गई। आप इन तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि हवालात के आसपास कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आ रहा है और जहां पुलिसकर्मी तैनात होना चाहिए था वहां पर हवालात में बंद दोनों डायरेक्टर के गार्ड और बाउंसर ही नजर आ रहे हैं।

यहां पर  नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए बाकायदा उनके पर्सनल गार्ड द्वारा ही हवालात में बंद डायरेक्टरों को चाय नाश्ता परोसा जा रहा है। जबकि नियम के अनुसार यदि हवालात में कोई शख्स बंद है तो उसे दिए जाने वाला चाय नाश्ता या खाना केवल पुलिसकर्मी द्वारा ही उसकी चेकिंग करने के बाद दिया जाता है।

बहरहाल इस तस्वीर से सुरक्षा को लेकर स्थानीय पुलिस पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि जो चाय नाश्ता हवालात में बंद लोगों को परोसा जा रहा है यदि उसने किसी भी तरह की मिलावट से हवालात में बंद लोगों को किसी तरह की परेशानी हुई तो निश्चित तौर पर पुलिस के लिए उसी की यह बड़ी लापरवाही गले की फांस बन सकती है।