संघ की मु​सलमानों से अपील, माहे रमजान में घर से कुरान की तिलावत करें

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  • संघ के पदाधिकारियों ने देश के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से करीब तीन घंटे वीडियो कांफ्रेंसिंग से की बात, मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने तब्लीगी जमात को बताया गैर इस्लामिक

लखनऊ :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देशभर के मुसलमानों से माहे रमजान में घर से ही कुरान की तिलावत करने और अनुवाद पढ़ने की अपील की है। संघ ने कहा कि मुस्लिम हमारे देश के ही नागरिक हैं। हम सब उनके लिए अपना सहयोग करें और सभी मुस्लिम अपने नबी हजरत मोहम्मद साहब के बताए हुए मार्ग पर चलें।

आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख रामलाल तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने बुधवार की देर रात करीब तीन घंटे देशभर के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये वार्ता की। वीडियो कान्फ्रेसिंग में मुसलमानों ने देश की सभी सरकारों को मदरसों में मार्डन शिक्षा लागू करने की वकालत की। उन्होंने बताया कि कुरान में 1400 साल पहले ही मार्डन शिक्षा की वकालत की गई है। इस दौरान मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने ‘तब्लीगी जमात’ को गैर इस्लामी संगठन बताया और उसे प्रतिबंधित करने की पैरवी की है।

संघ के तीनों पदाधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले जब मोहम्मद साहब ने नमाज किया तो उनके साथ नमाज पढ़ने वालों में उनकी पत्नी और बच्चों में उनके चचरे भाई हजरत अली रजि. और दोस्तों में हजरत अबूबकर रजि.थे। और आज भी वही मौका मु​सलमानों को मिला है। आप लोग अपने परिवार के साथ ​जिसमें मां, बहन, भाई, पत्नी, पिता, बच्चों के साथ मिलकर घरों में तराबीह की नमाज पढ़े और इफ्तार भी साथ में करें।

कहा कि कोरोना एक चुनौती और ​चुनौतियां अवसर भी लाती हैं। हमसब को अवसर मिला है। घर पर बैठकर अपने परिवार के साथ ‘एक राष्ट्र, एक जन, एक भावना’ के लिए संकल्प लें। हमारा राष्ट्र अपना है, यही हमारा कर्तव्य है, यही हमारा धर्म (दीन) है। हम सब एक दूसरे से ठीक से आचरण करें। एक दूसरे की सहायता करें।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय अपने आस-पास के लोगों की मदद भी करें। कोई भूखा न रहे, उसके साथ-साथ अपनी भी सेहत का ख्याल रखें। इम्यून सिस्टम बढ़ाने वाली भोज्य पदार्थ खाएंं। गर्मी का मौसम है तरल पदार्थ ही खाएं। अपने-अपने आस-पास के लोगों को अनाज वितरण करें और जकात पहले रमजान से दें। प्रधानमंत्री केयर फंड में दें, ताकि जरूरतमंद सबको मदद हो सके।

इस पवित्र माह में आप सब ज्यादा से ज्यादा दुआएं करें ताकि अल्लाह ताला इस विश्व की महामारी को अपनी रहमतों से दूर करे और हम सब पर इस पवित्र माहे रमजान में ज्यादा से ज्यादा रहमत नाजिल हो और हम सबका हिन्दुस्थान ‘विश्वगुरू’ बनने की तरफ तरक्की कर सके।

बताया कि मुस्लिम समाज को हजरत मोहम्मद साहब ने सबके साथ मिलकर काम करने की दावत दिया था, उनके पास हर कौम व मिल्लत व मजहब का व्यक्ति सीख हासिल करता था। आज जरूरत है कि उनकी शिक्षाओं को अपनाने की। वह कभी किसी से नफरत व गुस्सा नहीं करते थे, हमेशा मुसकुराते ​थे। कहा कि हमारे देश के मुस्लिम परिवारों को चाहिए कि हर नबी का जीवन परिचय पढ़े। कुरान की तिलावत के साथ-साथ हजरत मोहम्मद साहब की जीवन परिचय पढ़े और उनके बताए हुए मार्ग पर चलें।

कहा कि इस पवित्र माहे रमजान में इस्लाम की खुशबू चारों तरफ महके। हर मुसलमान इस्लाम का सिपाही और सैनिक है। वह अमनवाला, भाईचारा वाला, सलामती वाला बनने का संकल्प ले। हम सब मिलकर ऐसा हिन्दुस्थान बनायेंगे जहां न मजहब, न जाति और न क्षेत्र में बंटने वाला समाज होगा, बल्कि अपना देश व राष्ट्र पहली प्राथमिकता होगी। कहा कि माहे रमजान में हम कोरोना को हराने के लिए अपने रब से दुआं करते रहें, इंशाअल्लाह हम सभी देशवासियों को इस वैश्विक महामारी से निजात दिलायेगा।

वीडियो कान्फ्रेसिंग में मुस्ताफ आरिफ, अली अब्बास नकवी, सैयद रजा हुसैन रिजवी, डा. शबाना आजमी, मारूफ शेरवानी रहमान, मो. नासिर, सिराज कुरैशी, अहमद, रामिश सिद्दकी, वतन परसती, डा. सैयद अख्तर, फिरोज बख्त अहमद, शाईजिया ईल्मी समेत अन्य लोग जुड़े रहे।