02HREG364 खंडवा: श्री दादाजी दरबार में दर्शन के लिए देशभर से आए श्रद्धालु, गुरुपूर्णिमा उत्सव पर शहर में उत्साह
खंडवा, 2 जुलाई (हि.स.)। गुरुपूर्णिमा के अवसर पर श्री दादाजी दरबार में शीश नवाने के लिए रविवार देशभर से भक्त आए। यह उत्सव यहां अगले दो दिनों तक जारी रहेगा। गुरु-शिष्य परंपरा का यहां बरसों बरस से पालन हो रहा है। दादाजी के प्रति आस्था और समर्पण का भाव लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से भक्त दर्शन करने पहुंचे है। जिनके स्वागत में पूरा शहर उमड़ पड़ा है। रात्रि में दादाजी की कांकड़ा आरती में हजारों भक्त शामिल होंगे।
देशभर में श्री दादाजी धूनीवाले के नाम से प्रसिद्ध संत केशवानंद जी महाराज ने खंडवा स्थित आश्रम में 1930 में निर्वाण लिया था। तभी से गुरुपूर्णिमा उत्सव पर देशभर में फैले उनके शिष्य और भक्त खंडवा पहुंचकर दादाजी महाराज की समाधि पर माथा टेकते है। धूनीवाले आश्रम में इस भी तीन दिवसीय उत्सव के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा है। दादाजी के दर्शनों का सिलसिला 24 घंटे जारी है। यह देश का इकलौता मंदिर है जिसमें सेवा का समय छोड़कर कभी भी दर्शन किए जा सकते है। इस बार यह उत्सव तीन दिन का है। धूनीवाले आश्रम में एक दिन पूर्व गुरुपूर्णिमा मनाने की परंपरा है। इसलिए रविवार को बड़ी संख्या में भक्तों ने दर्शन किए,यह क्रम अगले दो दिनों तक जारी रहेगा।
श्री केशवानंद जी दादाजी के खंडवा स्थित आश्रम में 1930 में बड़े दादाजी केशवानंद जी तीन दिन रुके थे,और यही उन्होंने शरीर त्याग दिया था। उसके बाद उनके प्रमुख शिष्य हरिहर भोले भगवान छोटे दादाजी ने आश्रम का संचालन किया और नियम तय किए। उन्ही के बनाए गए नियमों का पालन आज भी आश्रम में होता है।
छोटे दादाजी के निधन के बाद उनकी समाधि का भी निर्माण किया गया, यहां पर दो विराट मंदिर बने है। साथ में यहां 100 वर्षों अग्नि प्रज्वलित है जिसे धूनी कहा जाता है,उसमें हवन होता है। इस धूनी के नाम से धूनीवाले दादाजी को जाना जाता है। यह अखंड धूनी नर्मदा के स्वरूप में यहां जल रही है। जिसमें भक्त और शिष्य आकर हवन नारियल चढ़ा कर प्रसन्न होते है।